Thursday, March 31, 2011

फोटोग्राफी



फिल्म थ्री इडियट्स में फरहान यानी आर. माधवन का दिल फोटोग्राफी में बसता है। वह वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर बनना चाहता है, लेकिन पिता के दबाव में वह इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले लेता है। लेकिन एक दिन किस्मत करवट लेती है और वह एक वाइल्ड लाइफ फोटो जर्नलिस्ट बन जाता है। यह तो महज एक उदाहरण है। फिल्म वेकअप सिड में सिड यानी रणबीर कपूर बड़े ऐशो-आराम में पला-बढ़ा है, लेकिन दिशाहीन है। सिड की फोटोग्राफी में रुचि है और यही रुचि उसके करियर की मंजिल बन जाती है।

ये उदाहरण फिल्मों के हैं, लेकिन रियल लाइफ में भी कई ऐसे उदाहरण हैं, जिन्होंने फोटोग्राफी को बतौर करियर अपनाया और अपनी अलग पहचान बनाई। इनमें रघु राय, माइक पांडे, अंबर शर्मा, अतुल कास्बेकर, डब्बू रतनानी, शरद हसकर, गौतम राजाध्यक्ष, सूबी सैमुअल, गुरु वैंकटेश, नानक ढींगरा, आदित्य सिंह आदि नाम शामिल हैं। फोटोग्राफी कितना आकर्षित करती है, यह बात अनिल कुंबले के उस बयान से साबित होती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद वे फोटोग्राफी करना चाहेंगे।

ऐसे और भी बहुत से लोग हैं, जो विभिन्न पेशों में काम करते हुए भी फोटोग्राफी करना चाहते हैं। यानी छायाकारी या फोटोग्राफी उन्हें उनकी सृजनशीलता को एक नया अर्थ देती है, जिसमें वे धरती पर मौजूद हर चीज को कैमरे में कैद कर कला को विस्तार देते हैं।

बहरहाल फोटोग्राफी आपका शौक है तो आप बेहिचक इसे करियर बना सकते हैं। इस फील्ड में संभावनाएं तो बहुत हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी हैं कुछ स्किल्स। यह महज एक काम नहीं है, एक कला भी है और आपकी रचनात्मकता का परिचायक भी। कहते हैं एक फोटो दस हजार शब्दों के बराबर असर डालती है। ऐसे में एक फोटोग्राफर या फोटो जर्नलिस्ट के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह जब भी क्लिक करने के लिए कैमरे पर उंगली रखे तो उसे मालूम होना चाहिए कि उसे वह किस तरह से विजुलाइज करे कि वह फोटो संपूर्ण घटना या परिस्थिति के बारे में बयान करती नजर आए, उसकी तस्वीर में सही रंग नजर आए। इसमें आपकी आंख कैमरे का लैंस बन जाती है और कैमरे का लैंस आपकी आंख। लोग अक्सर इसके ग्लैमर को देख कर इसे करियर बनाने की सोचते हैं, लेकिन कठिन परिश्रम और क्रिएटिविटी के बिना कुछ भी संभव नहीं, भले ही आपके पास इंस्ट्रुमेंट्स अत्याधुनिक ही क्यों न हों।

योग्यता क्या हो?

कुछ वर्ष पूर्व तक फोटोग्राफी में करियर बनाने के लिए किसी विशेष कोर्स की जरूरत नहीं थी, लेकिन लगातार बढ़ते कंपीटिशन और ग्लैमर के चलते इसे एक पाठयक्रम का रूप दे दिया गया है, जो एक प्रोफेशनल बनने के लिए जरूरी सा बन गया है। इस फील्ड में करियर बनाने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं है। यानी 12वीं के बाद आप सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स कर करियर बना सकते हैं। इसकी अवधि छह महीने से लेकर तीन साल तक है। अब मास्टर्स इन फोटोग्राफी और कुछ स्पेशलाइज्ड कोर्स भी शुरू हो गए हैं। जो किसी भी विषय से स्नातक हैं, वे ही इनमें दाखिला ले सकते हैं।

प्रेस फोटोग्राफर

फोटो हमेशा प्रेस के लिए अचूक हथियार रही है। प्रेस फोटोग्राफर को फोटोजर्नलिस्ट के नाम से भी जाता है। प्रेस फोटोग्राफर लोकल व राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों, चैनलों और विभिन्न एजेंसी के लिए फोटो खींचते हैं। इनका क्षेत्र विविध होता है। इनका दिमाग भी पत्रकार की तरह ही चौकन्ना होता है। कम समय में अधिक से अधिक तस्वीरें कैद करना इनकी काबिलियत होती है। एक सफल प्रेस फोटोग्राफर बनने के लिए आपको खबर की अच्छी समझ, फोटो शीर्षक लिखने की कला आनी चाहिए। किसी कहानी को तस्वीरों के माध्यम से अभिव्यक्त करना फीचर फोटोग्राफी होती है। इस क्षेत्र में फोटोग्राफर को विषय के बारे में पूर्ण ज्ञान होना चाहिए। फीचर फोटोग्राफी में फोटोग्राफर तस्वीरों के माध्यम से विषय की पूरी कहानी बताता है। इनका काम और विषय बदलते रहते हैं।

कमर्शियल फोटोग्राफर

इनका कार्य है कंपनी की विवरणिका रिपोर्ट्स व विज्ञापन आदि के लिए तस्वीरें खींचना। कमर्शियल फोटोग्राफर किसी फर्म या कंपनी के लिए स्थाई रूप में काम करते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य बाजार में कंपनी के उत्पाद व उसकी सेवाओं को बेहतर दिखाना होता है।

वेडिंग फोटोग्राफर

ये स्टूडियो में काम करते हैं या फिर खुद का स्टूडियो खोल कर अपना करियर संवारते हैं। ये समूह और व्यक्ति विशेष का फोटो लेने में पारंगत होते हैं। किसी व्यक्ति का पोट्रेट बनाने से लेकर शादी, बर्थ-डे पार्टी, किटी पार्टी के फोटो तैयार करते हैं।

फैशन फोटोग्राफर

देश में फैशन फोटोग्राफी का करियर तेजी से उभर रहा है। क्रिएटिविटी और आमदनी, दोनों के लिहाज से यह क्षेत्र बेहतर है। आज मेट्रो शहरों और महानगरों में ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे शहरों, कस्बों तक में फैशन की धूम है। ऐसे में फैशन डिजाइनरों के साथ-साथ फैशन फोटोग्राफर की डिमांड भी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। फैशन फोटोग्राफर फैशन हाउस, डिजाइनर, फैशन जर्नल, कैलेंडर, समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं के लिए काम करते हैं। डब्बू रत्नानी और अतुल कास्बेकर का कद आज बतौर फैशन फोटोग्राफर काफी बड़ा है।

फाइन आर्ट्स फोटोग्राफर

इनका काम काफी संजीदा और कठिन होता है। फाइन आर्ट्स फोटोग्राफर बनने के लिए जरूरी है कि आपमें आर्टिस्टिक व क्रिएटिव क्षमता हो। इनकी तस्वीरें फाइन आर्ट पीस के रूप में भी बिकती हैं।

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर

यह जानवरों, पक्षियों, जीव जंतुओं और लैंडस्केप की तस्वीरें लेते हैं। ज्यादातर कैलेंडर, कवर, रिसर्च आदि के लिए काम करते हैं। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी ऐसा फील्ड है, जहां एक तरफ तो जंगल का रोमांच है, दूसरी तरफ खतरे भी कम नहीं हैं। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी में अगर शोहरत है तो जोखिम भी कम नहीं है। अक्सर जानवर कैमरा देखते ही अटैक कर देता है। इसमें करियर बनाने के लिए वाइल्डलाइफ के नियमों की जानकारी होना भी जरूरी है। पर इससे भी जरूरी है क्रिएटिविटी।

फॉरेंसिक फोटोग्राफर

किसी क्राइम की पड़ताल करने के लिए घटनास्थल की हर एंगल से तस्वीरों की आवश्यकता होती है। इनकी मदद से पुलिस जांच करती है। ऐसे फोटोग्राफरों को फॉरेंसिक फोटोग्राफर कहा जाता है।

फोटोग्राफी के प्रमुख संस्थान

एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर

1982 में एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर की शुरुआत जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में की गई। बहुत कम समय में एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर ने अपनी एक अलग पहचान बना ली। मास मीडिया की बेहतरीन पढ़ाई के लिए यह जाना-माना नाम बन चुका है। इसके तहत एमए इन मास कम्युनिकेशन, एमए इन कंर्वेजेंट जर्नलिज्म और पीजी डिप्लोमा इन स्टिल फोटोग्राफी कराया जाता है।
पता : जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली-25
वेबसाइट : www.ajkmcrc.org

अन्य प्रमुख संस्थान

1. नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ डिजाइन
वेबसाइट— www.nid.edu
2. दीनदयाल उपाध्याय, गोरखपुर यूनिवर्सिटी, गोरखपुर
वेबसाइट- www.ddugu.edu.in
3. फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीटय़ूट, लॉ कॉलेज रोड, पुणे, महाराष्ट्र
वेबसाइट- www.ftiindia.com
4. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी,
उत्तर प्रदेश
वेबसाइट- www.mgkvp.ac.in
5. एडिटवर्क्स इंस्टीटय़ूट ऑफ मास कम्युनिकेशंस, नोएडा
वेबसाइट - www.editworksindia.com
6. आईआईएमसी,
जेएनयू कैम्पस, नई दिल्ली
वेबसाइट- www.iimc.nic.in
7. श्री अरविंदो इंस्टीटय़ूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, अधचीनी, नई दिल्ली-17
वेबसाइट - www.saimc.com
8. नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ फोटोग्राफी, मुंबई
वेबसाइट - www.photoinstitutenip.com
9. इंडिया इंटरनेशनल फोटोग्राफी काउंसिल, नई दिल्ली
10. सत्यजीत राय फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीटय़ूट, कोलकाता
वेबसाइट - www.srfti.gov.in

कोचिंग संस्थान

परंपरागत विषयों की तरह इसकी पढ़ाई नहीं होती, इसलिए कोचिंग संस्थानों की अवधारणा अस्तित्व में नहीं आई है। फोटोग्राफी सीखने के लिए कुछ लोग वरिष्ठ फोटोग्राफरों के साथ काम करते हुए सीखते हैं। कुछ स्टूडियो में जाकर सीखते हैं तो कुछ लोग अत्यधिक साहस का परिचय देते हुए खुद ही रील बर्बाद करते हुए
सीखते हैं।

स्कॉलरशिप

चूंकि अभी फोटो जर्नलिज्म का कोई विशेष कोर्स नहीं है, इसकी पढ़ाई मास कम्युनिकेशन के अंतर्गत ही करवाई जाती है। इस पाठय़क्रम को करने के लिए स्कॉलरशिप की भी व्यवस्था है, लेकिन कुछ चुनिंदा संस्थानों में। इनमें से एक है विवेक दयाल मैमोरियल स्कॉलरशिप, जिसमें डेढ़ लाख रुपया देने का प्रावधान है। मैसूर यूनिवर्सिटी में भी स्कॉलरशिप की व्यवस्था है। यह एकमात्र ऐसी यूनिवर्सिटी है, जहां फोटो जर्नलिज्म की डिग्री दी जाती है।

वेतन

आय की दृष्टि से यह फील्ड उत्तम है, क्योंकि बतौर सहायक कैमरामैन किसी चैनल के साथ जुड़ने पर फोटोग्राफर को 7 से 10 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से मिल जाते हैं, जबकि फिल्म इंडस्ट्री या एड एजेंसी में 10 से 12 हजार शुरुआती वेतन मिलता है। अनुभव बढ़ने से रकम भी बढ़ती है। यदि आप किसी अच्छी पत्र-पत्रिका में फोटोग्राफर के रूप में काम कर रहे हैं तो आपको 10 से 15 हजार, न्यूज चैनलों, प्रोडक्शन हाउसों तथा एड एजेंसियों में 20-25 हजार तथा फिल्म इंडस्ट्री में 50 हजार से लेकर लाखों तक कमा सकते हैं। फ्रीलांसिंग के रूप में कमाई की कोई निश्चित सीमा नहीं होती, आप एक दिन में ही 50 हजार घर ला सकते हैं।

No comments:

Post a Comment