Monday, March 21, 2011

जाति गिनने से जातिवाद बढ़ेगा

जाति गिनने से जातिवाद बढ़ेगा? ओह ये किस मुर्ख ने कह दिया आपको ...एक बात बताइये क्या जाति ना पूछने से जातिवाद ख़त्म हो जाएगा ..सबको पता भारत में जाति व्यवस्था को तोड़ना बहुत मुशिकिल है ..जब धर्म के आधार पर गणना हो सकती है तो जाति के आधार पर क्यों नहीं? ..अगर जाति बाहुल्य भारत में कोई ये जाने कि भारतीय जनो में विभिन्न जातियों का क्या अनुपात है तो इसमे बुराई क्या है ..कहते है भारत में प्रजातंत्र है जिसका मतलब बहुमत की आवाज सूनी जाए और बहुत तो दलित पिछडो का है ...फिर उनकी बात क्यों नहीं सूनी जा र......

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