Thursday, March 31, 2011

फोटोग्राफी



फिल्म थ्री इडियट्स में फरहान यानी आर. माधवन का दिल फोटोग्राफी में बसता है। वह वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर बनना चाहता है, लेकिन पिता के दबाव में वह इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले लेता है। लेकिन एक दिन किस्मत करवट लेती है और वह एक वाइल्ड लाइफ फोटो जर्नलिस्ट बन जाता है। यह तो महज एक उदाहरण है। फिल्म वेकअप सिड में सिड यानी रणबीर कपूर बड़े ऐशो-आराम में पला-बढ़ा है, लेकिन दिशाहीन है। सिड की फोटोग्राफी में रुचि है और यही रुचि उसके करियर की मंजिल बन जाती है।

ये उदाहरण फिल्मों के हैं, लेकिन रियल लाइफ में भी कई ऐसे उदाहरण हैं, जिन्होंने फोटोग्राफी को बतौर करियर अपनाया और अपनी अलग पहचान बनाई। इनमें रघु राय, माइक पांडे, अंबर शर्मा, अतुल कास्बेकर, डब्बू रतनानी, शरद हसकर, गौतम राजाध्यक्ष, सूबी सैमुअल, गुरु वैंकटेश, नानक ढींगरा, आदित्य सिंह आदि नाम शामिल हैं। फोटोग्राफी कितना आकर्षित करती है, यह बात अनिल कुंबले के उस बयान से साबित होती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद वे फोटोग्राफी करना चाहेंगे।

ऐसे और भी बहुत से लोग हैं, जो विभिन्न पेशों में काम करते हुए भी फोटोग्राफी करना चाहते हैं। यानी छायाकारी या फोटोग्राफी उन्हें उनकी सृजनशीलता को एक नया अर्थ देती है, जिसमें वे धरती पर मौजूद हर चीज को कैमरे में कैद कर कला को विस्तार देते हैं।

बहरहाल फोटोग्राफी आपका शौक है तो आप बेहिचक इसे करियर बना सकते हैं। इस फील्ड में संभावनाएं तो बहुत हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी हैं कुछ स्किल्स। यह महज एक काम नहीं है, एक कला भी है और आपकी रचनात्मकता का परिचायक भी। कहते हैं एक फोटो दस हजार शब्दों के बराबर असर डालती है। ऐसे में एक फोटोग्राफर या फोटो जर्नलिस्ट के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह जब भी क्लिक करने के लिए कैमरे पर उंगली रखे तो उसे मालूम होना चाहिए कि उसे वह किस तरह से विजुलाइज करे कि वह फोटो संपूर्ण घटना या परिस्थिति के बारे में बयान करती नजर आए, उसकी तस्वीर में सही रंग नजर आए। इसमें आपकी आंख कैमरे का लैंस बन जाती है और कैमरे का लैंस आपकी आंख। लोग अक्सर इसके ग्लैमर को देख कर इसे करियर बनाने की सोचते हैं, लेकिन कठिन परिश्रम और क्रिएटिविटी के बिना कुछ भी संभव नहीं, भले ही आपके पास इंस्ट्रुमेंट्स अत्याधुनिक ही क्यों न हों।

योग्यता क्या हो?

कुछ वर्ष पूर्व तक फोटोग्राफी में करियर बनाने के लिए किसी विशेष कोर्स की जरूरत नहीं थी, लेकिन लगातार बढ़ते कंपीटिशन और ग्लैमर के चलते इसे एक पाठयक्रम का रूप दे दिया गया है, जो एक प्रोफेशनल बनने के लिए जरूरी सा बन गया है। इस फील्ड में करियर बनाने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं है। यानी 12वीं के बाद आप सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स कर करियर बना सकते हैं। इसकी अवधि छह महीने से लेकर तीन साल तक है। अब मास्टर्स इन फोटोग्राफी और कुछ स्पेशलाइज्ड कोर्स भी शुरू हो गए हैं। जो किसी भी विषय से स्नातक हैं, वे ही इनमें दाखिला ले सकते हैं।

प्रेस फोटोग्राफर

फोटो हमेशा प्रेस के लिए अचूक हथियार रही है। प्रेस फोटोग्राफर को फोटोजर्नलिस्ट के नाम से भी जाता है। प्रेस फोटोग्राफर लोकल व राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों, चैनलों और विभिन्न एजेंसी के लिए फोटो खींचते हैं। इनका क्षेत्र विविध होता है। इनका दिमाग भी पत्रकार की तरह ही चौकन्ना होता है। कम समय में अधिक से अधिक तस्वीरें कैद करना इनकी काबिलियत होती है। एक सफल प्रेस फोटोग्राफर बनने के लिए आपको खबर की अच्छी समझ, फोटो शीर्षक लिखने की कला आनी चाहिए। किसी कहानी को तस्वीरों के माध्यम से अभिव्यक्त करना फीचर फोटोग्राफी होती है। इस क्षेत्र में फोटोग्राफर को विषय के बारे में पूर्ण ज्ञान होना चाहिए। फीचर फोटोग्राफी में फोटोग्राफर तस्वीरों के माध्यम से विषय की पूरी कहानी बताता है। इनका काम और विषय बदलते रहते हैं।

कमर्शियल फोटोग्राफर

इनका कार्य है कंपनी की विवरणिका रिपोर्ट्स व विज्ञापन आदि के लिए तस्वीरें खींचना। कमर्शियल फोटोग्राफर किसी फर्म या कंपनी के लिए स्थाई रूप में काम करते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य बाजार में कंपनी के उत्पाद व उसकी सेवाओं को बेहतर दिखाना होता है।

वेडिंग फोटोग्राफर

ये स्टूडियो में काम करते हैं या फिर खुद का स्टूडियो खोल कर अपना करियर संवारते हैं। ये समूह और व्यक्ति विशेष का फोटो लेने में पारंगत होते हैं। किसी व्यक्ति का पोट्रेट बनाने से लेकर शादी, बर्थ-डे पार्टी, किटी पार्टी के फोटो तैयार करते हैं।

फैशन फोटोग्राफर

देश में फैशन फोटोग्राफी का करियर तेजी से उभर रहा है। क्रिएटिविटी और आमदनी, दोनों के लिहाज से यह क्षेत्र बेहतर है। आज मेट्रो शहरों और महानगरों में ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे शहरों, कस्बों तक में फैशन की धूम है। ऐसे में फैशन डिजाइनरों के साथ-साथ फैशन फोटोग्राफर की डिमांड भी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। फैशन फोटोग्राफर फैशन हाउस, डिजाइनर, फैशन जर्नल, कैलेंडर, समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं के लिए काम करते हैं। डब्बू रत्नानी और अतुल कास्बेकर का कद आज बतौर फैशन फोटोग्राफर काफी बड़ा है।

फाइन आर्ट्स फोटोग्राफर

इनका काम काफी संजीदा और कठिन होता है। फाइन आर्ट्स फोटोग्राफर बनने के लिए जरूरी है कि आपमें आर्टिस्टिक व क्रिएटिव क्षमता हो। इनकी तस्वीरें फाइन आर्ट पीस के रूप में भी बिकती हैं।

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर

यह जानवरों, पक्षियों, जीव जंतुओं और लैंडस्केप की तस्वीरें लेते हैं। ज्यादातर कैलेंडर, कवर, रिसर्च आदि के लिए काम करते हैं। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी ऐसा फील्ड है, जहां एक तरफ तो जंगल का रोमांच है, दूसरी तरफ खतरे भी कम नहीं हैं। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी में अगर शोहरत है तो जोखिम भी कम नहीं है। अक्सर जानवर कैमरा देखते ही अटैक कर देता है। इसमें करियर बनाने के लिए वाइल्डलाइफ के नियमों की जानकारी होना भी जरूरी है। पर इससे भी जरूरी है क्रिएटिविटी।

फॉरेंसिक फोटोग्राफर

किसी क्राइम की पड़ताल करने के लिए घटनास्थल की हर एंगल से तस्वीरों की आवश्यकता होती है। इनकी मदद से पुलिस जांच करती है। ऐसे फोटोग्राफरों को फॉरेंसिक फोटोग्राफर कहा जाता है।

फोटोग्राफी के प्रमुख संस्थान

एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर

1982 में एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर की शुरुआत जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में की गई। बहुत कम समय में एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर ने अपनी एक अलग पहचान बना ली। मास मीडिया की बेहतरीन पढ़ाई के लिए यह जाना-माना नाम बन चुका है। इसके तहत एमए इन मास कम्युनिकेशन, एमए इन कंर्वेजेंट जर्नलिज्म और पीजी डिप्लोमा इन स्टिल फोटोग्राफी कराया जाता है।
पता : जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली-25
वेबसाइट : www.ajkmcrc.org

अन्य प्रमुख संस्थान

1. नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ डिजाइन
वेबसाइट— www.nid.edu
2. दीनदयाल उपाध्याय, गोरखपुर यूनिवर्सिटी, गोरखपुर
वेबसाइट- www.ddugu.edu.in
3. फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीटय़ूट, लॉ कॉलेज रोड, पुणे, महाराष्ट्र
वेबसाइट- www.ftiindia.com
4. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी,
उत्तर प्रदेश
वेबसाइट- www.mgkvp.ac.in
5. एडिटवर्क्स इंस्टीटय़ूट ऑफ मास कम्युनिकेशंस, नोएडा
वेबसाइट - www.editworksindia.com
6. आईआईएमसी,
जेएनयू कैम्पस, नई दिल्ली
वेबसाइट- www.iimc.nic.in
7. श्री अरविंदो इंस्टीटय़ूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, अधचीनी, नई दिल्ली-17
वेबसाइट - www.saimc.com
8. नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ फोटोग्राफी, मुंबई
वेबसाइट - www.photoinstitutenip.com
9. इंडिया इंटरनेशनल फोटोग्राफी काउंसिल, नई दिल्ली
10. सत्यजीत राय फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीटय़ूट, कोलकाता
वेबसाइट - www.srfti.gov.in

कोचिंग संस्थान

परंपरागत विषयों की तरह इसकी पढ़ाई नहीं होती, इसलिए कोचिंग संस्थानों की अवधारणा अस्तित्व में नहीं आई है। फोटोग्राफी सीखने के लिए कुछ लोग वरिष्ठ फोटोग्राफरों के साथ काम करते हुए सीखते हैं। कुछ स्टूडियो में जाकर सीखते हैं तो कुछ लोग अत्यधिक साहस का परिचय देते हुए खुद ही रील बर्बाद करते हुए
सीखते हैं।

स्कॉलरशिप

चूंकि अभी फोटो जर्नलिज्म का कोई विशेष कोर्स नहीं है, इसकी पढ़ाई मास कम्युनिकेशन के अंतर्गत ही करवाई जाती है। इस पाठय़क्रम को करने के लिए स्कॉलरशिप की भी व्यवस्था है, लेकिन कुछ चुनिंदा संस्थानों में। इनमें से एक है विवेक दयाल मैमोरियल स्कॉलरशिप, जिसमें डेढ़ लाख रुपया देने का प्रावधान है। मैसूर यूनिवर्सिटी में भी स्कॉलरशिप की व्यवस्था है। यह एकमात्र ऐसी यूनिवर्सिटी है, जहां फोटो जर्नलिज्म की डिग्री दी जाती है।

वेतन

आय की दृष्टि से यह फील्ड उत्तम है, क्योंकि बतौर सहायक कैमरामैन किसी चैनल के साथ जुड़ने पर फोटोग्राफर को 7 से 10 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से मिल जाते हैं, जबकि फिल्म इंडस्ट्री या एड एजेंसी में 10 से 12 हजार शुरुआती वेतन मिलता है। अनुभव बढ़ने से रकम भी बढ़ती है। यदि आप किसी अच्छी पत्र-पत्रिका में फोटोग्राफर के रूप में काम कर रहे हैं तो आपको 10 से 15 हजार, न्यूज चैनलों, प्रोडक्शन हाउसों तथा एड एजेंसियों में 20-25 हजार तथा फिल्म इंडस्ट्री में 50 हजार से लेकर लाखों तक कमा सकते हैं। फ्रीलांसिंग के रूप में कमाई की कोई निश्चित सीमा नहीं होती, आप एक दिन में ही 50 हजार घर ला सकते हैं।


पूरी दुनिया में संचार नेटवर्क का फैलता संजाल, विज्ञापन, मीडिया, फैशन आदि के क्षेत्र के लगातार विस्तार के कारण फोटोग्राफी एक बड़े व्यवसाय का रूप ले चुकी है। इसीलिए आज फोटोग्राफी के क्षेत्र में कॅरियर संवारने की अनेक संभावनाएं मौजूद हैं, बस जरूरत है तो हुनर और कौशल के जौहर दिखाने की। इसमें औपचारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।

पात्रता जो विद्यार्थी बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं वे डिप्लोमा लेने की पात्रता रखते हैं। वर्तमान में लगभग हर जगह ऐसे कॉलेज मौजूद हैं जहां से आप यह कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ प्राइवेट संस्थाएं भी आवश्यकता के हिसाब से कोर्स चला रही हैं। यहां से भी आप प्रशिक्षण प्राप्त कर डिप्लोमा कर सकते हैं।

पारिश्रमिक अगर आप पार्ट टाइम जॉब करना चाहें तो भी आप 5,000 से 8,000 रुपए तक कमा सकते हैं। अगर आप किसी प्रोफेशनल कंपनी में कुशल फोटोग्राफर हैं तो आपका मासिक वेतन 10,000 से 20,000 तक भी हो सकता है। प्रारंभिक दौर में किसी सीनियर फोटोग्राफर के सहायक के रूप में भी आपको 3,000 से 5,000 रुपए तक की राशि प्राप्त हो सकती है।

आइए आपको फोटोग्राफी से जुड़े कुछ क्षेत्रों के बारे में जानकारी दें, जहां पर अच्छे कॅरियर की अपार संभावनाएं मौजूद हैं-

मीडिया इस क्षेत्र में फोटोग्राफर्स की आवश्यकता लाजिमी है। मीडिया में फोटोग्राफर्स को फोटो जर्नलिस्ट के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र में आप जनसरोकार व समस्याओं से जुड़े विषयों पर फोटोग्राफी कर सकते हैं। साथ ही रिपोर्टर की मदद कर सकते हैं।

फीचर फोटोग्राफी फीचर फोटोग्राफी में घटना या कहानी का सार चित्रों के द्वारा ही बताना होता है। इसलिए इस क्षेत्र में फोटोग्राफर प्रशिक्षण प्राप्त व कुशल होना जरूरी है। फीचर फोटोग्राफी में आप वन्य जीवन, पर्यावरण, खेल आदि विषयों पर काम करते हैं।

पोट्रेट-मैरिज पार्टी इस क्षेत्र में आप स्वयं का व्यवसाय कर सकते हैं। शादी-ब्याह, समारोह या पार्टी में हमेशा ही अच्छे फोटोग्राफर की मांग रहती है। इसके साथ ही पोट्रेट की डिमांड भी हमेशा बनी रहती है।

एडवर्टाइजिंग फोटोग्राफर्स आज जगह-जगह एडवरटाइजिंग एजेंसियां खुलती जा रही हैं। इन एजेंसियों में भी फोटोग्राफर्स की मांग बनी रहती है, क्योंकि कंपनियां अच्छे कैटलॉग बनवाने के लिए कुशल फोटोग्राफर्स की मांग करती है।

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी यह क्षेत्र प्रकृति और वन्य जीव-जंतुओं से जुड़ा हुआ है। वन्य जीवों में दुर्लभ प्रजातियों के फोटोग्राफ्स की मांग बहुत ज्यादा है। इसके साथ ही वन्य जीवों द्वारा रोमांचित करने वाली क्रियाओं के फोटोग्राफ्स की मांग भी हमेशा बनी रहती है।

फॉरेंसिक फोटोग्राफी यह क्षेत्र मुख्यत: अपराध से जुड़ा हुआ है। घटना स्थल की फोटो उतारते समय फोटोग्राफर को पूरी तरह सावधान रहना पड़ता है और इस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि उसके द्वारा खींचे गए फोटोग्राफ्स से पूरी स्थिति साफ दिखाई दे। इस क्षेत्र में आप कानूनी क्षेत्र से जुड़ी एजेंसियों, सरकारी खोजी दस्तों या फिर निजी जासूसी एजेंसियों में रोजगार पा सकते हैं।

कमर्शियल या इंडस्ट्रियल फोटोग्राफर.डिजिटल फोटोग्राफी.फैशन फोटोग्राफर


कमर्शियल या इंडस्ट्रियल फोटोग्राफर- इनका कार्य कंपनी की विवरणिका, रिपोर्ट व विज्ञापन के लिए कारखानों, मशीनों व कलपुर्जों की तस्वीरें बनाना है। कमर्शियल फोटोग्राफर किसी फर्म या कंपनी के लिए स्थायी होता है। इनका मुख्य उद्देश्य बाजार में कंपनी के उत्पाद व उसकी सेवाओं को बेहतर दिखाना होता है।

पोर्ट्रेट या वेडिंग फोटॉग्राफर- यह फोटोग्राफर स्टूडियो में काम करते हैं और समूह या व्यक्तिविशेष की फोटो लेने में निपुण होते हैं। पोर्ट्रेट के विषय कुछ भी हो सकते हैं, जैसे पालतू जानवरों तस्वीर, बच्चे, परिवार, शादी, घरेलू कार्यक्रम और खेल इत्यादि। आज के दिन पोर्ट्रेट फोटोग्राफर की माँग बढ़ रही है।

विज्ञापन फोटोग्राफर- यह विज्ञापन एजेंसी, स्टूडियो या फ्रिलांस से संबंधित होते हैं। ज्यादातर विज्ञापन फोटोग्राफर कैटलॉग के लिए काम करते हैं जबकि कुछ स्टूडियो मेल ऑर्डर के लिए काम करते हैं। उपरोक्त सभी में विज्ञापन फोटोग्राफर का काम सबसे ज्यादा चुनौतीभरा होता है।

फैशन फोटोग्राफर- देश में फैशन फोटोग्राफी का कॅरियर तेजी से उभर रहा है। क्रिएटिव और आमदनी दोनों रूपों में यह क्षेत्र सबसे बेहतर है। फैशन डिजाइनर के लिए कई स्कोप है जहाँ वे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते हैं। विज्ञापन एजेंसी और फैशन स्टूडियो में कुशल फोटोग्राफर की हमेशा आवश्यकता रहती है लेकिन ध्यान रहे कि फैशन फोटोग्राफर को मुंबईClick here to see more news from this cityदिल्लीClick here to see more news from this city जैसे शहरों में ही ज्यादा काम मिलता है। साधारणतया फैशन फोटोग्राफर फैशन हाउस, डिजाइनर, फैशन जर्नल और समाचार पत्रों के लिए ही काम करते हैं।

फाइन आर्ट्स फोटोग्राफर- फोटोग्राफी के क्षेत्र में इनका काम सबसे संजीदा व क्लिष्ट है। एक सफल फाइन आर्ट्स फोटोग्राफर के लिए आर्टिस्टिक व क्रिएटिव योग्यता अतिआवश्यक होती है। इनकी तस्वीरें फाइन आर्ट के रूप में भी बिकती हैं।

डिजिटल फोटोग्राफी- यह फोटोग्राफी डिजिटल कैमरे से की जाती है। इस माध्यम से तस्वीरें डिस्क, फ्लापी या कम्प्यूटर से ली जाती है। डिजिटल फोटोग्राफी से तस्वीर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन किया जा सकता है। तस्वीर लेने का यह सबसे सुलभ, तेज और सस्ता साधन है। मीडिया में डिजिटल फोटोग्राफी का प्रयोग सबसे ज्यादा हो रहा है। इसका एकमात्र कारण ज्यादा से ज्यादा तस्वीरें एक स्टोरेज डिवाइस में एकत्र कर उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर पलभर में भेज देना है।

नेचर और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी- फोटोग्राफी के इस क्षेत्र में जानवरों, पक्षियों, जीव जंतुओं और लैंडस्केप की तस्वीरें ली जाती हैं। इस क्षेत्र में दुर्लभ जीव जंतुओं की तस्वीर बनाने वाले फोटोग्राफर की माँग हमेशा बनी रहती है। एक नेचर फोटोग्राफर ज्यादातर कैलेंडर, कवर, रिसर्च इत्यादि के लिए काम करता है। नेचर फोटोग्राफर के लिए रोमांटिक सनसेट, फूल, पेड़, झीलें, झरना इत्यादि जैसे कई आकर्षक विषय हैं।

फोरेंसिक फोटोग्राफी- किसी भी क्राइम घटना की जाँच करने के लिए और उसकी बेहतर पड़ताल करने के लिए घटनास्थल की हर एंगल से तस्वीरों की आवश्यकता पड़ती है। इन तस्वीरों की मदद से पुलिस घटना के कारणों का पता लगाती है जिससे अपराधी को खोजने में आसानी होती है। फोरेंसिक फोटोग्राफी से वारदात की वास्तविक स्थिति व अंजाम देने की दूरी का पता भी लगाया जा सकता है। एक कुशल फोरेंसिक फोटोग्राफर अन्वेषण ब्यूरो, पुलिस डिपार्टमेंट, लीगल सिस्टम या किसी भी प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी के लिए काम कर सकता है।

प्रिंटर आप अच्छी तरह से हो सकते हैं और अपने फोटो एलबम की तरह ही प्रिंट परियोजनाओं के कई बनाने के लिए, ग्रीटिंग कार्ड, कोलाज, और अधिक. बनाने के लिए इन परियोजनाओं के अधिकांश, और फ़ोटो का एक पुस्तकालय आप भविष्य की परियोजनाओं के लिए उपयोग कर सकते हैं बनाने के लिए, इन डिजिटल फोटोग्राफी सुझाव पर विचार.

पृष्ठभूमि छवियाँ

जब भी आप करने के लिए पानी की तरह खुली जगह की तस्वीरें लेने का अवसर afforded रहे हैं, जंगली क्षेत्रों, फ़ील्ड्स, यहां तक कि शहर skylines, में. आपके डिजिटल फोटोग्राफी पुस्तकालय में विभिन्न sceneries का संग्रह करने के बाद परियोजनाओं को आसान बनाने बना सकते हैं, और आप पैसे की बचत होगी यदि आप खरीद करने के लिए नहीं है / अन्य विक्रेताओं से इन छवियों को डाउनलोड.

धूप में दिन के दौरान तस्वीरें ले लो, रात में बाद सूर्य सेट है, बारिश में, के रूप में कई अलग अलग स्थितियों में ही आप कर सकते. एक जोड़ा डिजिटल फोटोग्राफी टिप है कि एक बार आप छवियों का एक अच्छा संग्रह कमाया है आप एक छवि vending साइट पर एक प्रोफ़ाइल बना सकते हैं और कर सकते हैं कुछ अतिरिक्त डॉलर यदि आप चाहें तो.

तस्वीरें

व्यक्तिगत परियोजनाओं के लिए आप मित्रों और परिवार का अच्छा चित्र है चाहता हूँ जाएगा, या जो भी आप अपनी परियोजना में शामिल करना चाहते हैं. एक डिजिटल कैमरा के साथ एक अच्छा चित्र लेना थोड़ा guesswork के बाद आप पूर्वावलोकन करने में सक्षम अपने कैमरे पर तस्वीर सीधे के बाद इसे ले लिया है शामिल है. प्रत्येक चित्र के लिए कुछ अलग शॉट्स लो करने के लिए उपज संभव के रूप में कई विकल्प के रूप में. आपके डिजिटल फोटोग्राफी के लिए इस टिप में मदद मिलेगी अपने काम में विविधता, छोड़ दो और तुम नहीं करोगे के लिए कई विभिन्न उपयोगों के लिए एक छवि में हेरफेर की कोशिश कर अटक.

एक बंद रेंज में कुछ तस्वीरें ले लो, और कुछ पृष्ठभूमि के साथ कुछ हड़पने के लिए शॉट फ्रेम. तो जब आप अपने कंप्यूटर को वापस पाने के लिए आप चित्र संपादित के रूप में इसे मुद्रण के लिए आदर्श बनाने के लिए आवश्यक सकता है. सुनिश्चित करें कि आप भविष्य में उपयोग के लिए प्रत्येक तस्वीर के अप्रकाशित संस्करण को बचाने के.

प्रकाश और फोकस

सुनिश्चित करें कि आप सबसे अधिक प्राकृतिक चित्रों पर कब्जा करने के लिए संभव, सुनिश्चित करें कि आप अपने कैमरे के प्रकाश सेटिंग्स करने के लिए ध्यान देना बनाना. अधिकतर डिजिटल कैमरों के लिए एक स्वचालित फ़्लैश का उपयोग कर लागू हो जाएगी, जो कुछ चित्रों की गुणवत्ता को कम कर सकते. फ़्लैश एक आसानी से जलाया दृश्य लेने के लिए और कर सकते हैं अपने विषयों देखो की तरह वे एमी है पर जा रहा हो मेरे paparazzi बमबारी. इन प्रभावों के साथ चारों ओर खेलने के लिए आप के लिए विभिन्न परिदृश्यों में सबसे अच्छा क्या काम करता है देखने. अपने कैमरे भी विभिन्न फोकल प्वाइंट के लिए विभिन्न सेटिंग्स होगा, चित्रों या अधिक मनोरम दृश्यों की तरह.

बेहतरीन डिजिटल फोटोग्राफी टिप बस मजा करने के लिए. तथ्य का लाभ ले लो कि एक डिजिटल कैमरा के साथ आप चित्रों का आप तस्वीर कर सकते हैं संख्या में सीमित नहीं हैं. तुम घर कब अपने कंप्यूटर को पाने के अपने चित्रों हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए वे बच, और भी अधिक उपयोग करने के लिए अपने कैमरे स्मृति मुक्त करने के लिए.

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वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी में करियर

अभिनव का मन बचपन से ही पढ़ाई में कम और प्रकृति की खूबसूरती निहारने में अधिक लगता था। पढ़ाई का पारंपरिक तरीका उसे बड़ा बोरिंग लगता था। हालांकि अपने इस एटीट्यूड के कारण उसे अपने माता-पिता के साथ-साथ टीचर्स की फटकार भी सुननी पड़ती थी। इसके बावजूद उसके रुझान में जरा सा भी बदलाव नहीं आया, बल्कि इस दिशा में उसका झुकाव और बढ़ता गया। कुछ बड़ा होने पर वह कुदरत के नजारों को कैमरे में कैद करने लगा।

खूबसूरत नजारों के चक्कर में वह इधर-उधर भटकता रहता, मजबूर होकर उसके माता-पिता को उसकी खुशी को अपनी खुशी माननी पड़ी और उन्होंने उसे फोटोग्राफी का प्रोफेशनल कोर्स करा दिया। महज एक साल के अंदर ही उसके द्वारा खींची गई तस्वीरों में से कुछ को 'बेस्ट फोटोग्राफीÓ का अवॉर्ड मिल गया। इसके बाद तो अभिनव के सपने को जैसे पंख लग गए। कुछ ही वर्षों में वह नेचर फोटोग्राफी का जाना-माना नाम बन गया। आज फोटोग्राफी ने उसे देश और दुनिया में मशहूर बना दिया है और वह हर महीने लाखों रुपये कमा रहा है और उनके पैरेंट्स को अब अपने बेटे की उपलब्धियों पर गुमान है।

्लैमरस प्रोफेशन

एक लाइव फोटो को भाषा की जरूरत नहीं होती यानी वह तस्वीर खुद बोलती है। फोटोग्राफी संचार का ऐसा एकमात्र माध्यम है, जिसमें भाषा की जरूरत नहीं होती। शायद ठीक ही कहा जाता है कि एक फोटो दस हजार शब्दों के बराबर होता है। फोटोग्राफी एक कला है जिसमें विजुअल कमांड के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान भी जरूरी है और इस कला को वही समझ सकता है, जिसे मूक भाषा आती हो।

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी एक ऐसा फील्ड है जहां एक तरफ जंगल का रोमांच है तो वहीं दूसरी तरफ खतरे भी कम नहीं हैं। हां, इसे करियर चुनने से पहले वाइल्ड लाइफ के नियम-कायदों की जानकारी होना भी बेहद जरूरी है। दूसरी तरफ, फैशन फोटोग्राफी के लिए फोटो के एंगल और लाइटिंग के सही इस्तेमाल की बखूबी जानकारी होनी चाहिए। इन सबके अलावा जो चीज सबसे ज्यादा जरूरी है वह है क्रिएटिविटी। अगर आपके पास अच्छे कैमरा इंस्ट्रूमेंट्स हैं लेकिन रचनात्मकता का अभाव है तो इस क्षेत्र में महारत हासिल करना बेहद मुश्किल है।


चुनौती भरा सफर


वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी में खुद को स्थापित करने के लिए संघर्ष तो जरूरी है ही, साथ ही जंगली जानवरों से भी दो-चार होना पड सकता है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी में अगर शोहरत है तो जान का जोखिम भी बहुत है। अक्सर कई ऐसे वाकये पढने में आते हैं जब फोटोग्राफी के दौरान फोटोग्राफर की जान पर बन आई।

एक प्रसिद्ध फोटोग्राफर ब्लॉग पर अपना अनुभव बताते हैं कि डॉक्यूमेंट्रीज या फोटोग्राफ्स में जानवरों को शिकार करते हुए या उन्हें जंगल में घूमते हुए देखना हर किसी को रोमांचित करता है। कुछ साल पहले जब वह वन अधिकारियों के साथ एक पैंथर को शूट कर रहे थे तो गलत रास्ते से जाने के कारण वे उसी प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए, जिस पर पैंथर बैठा था। कैमरा देखते ही पैंथर ने उन पर वार्निग अटैक किया। फैशन फोटोग्राफी में भी आप मॉडल को जितने आकर्षक तरीके से पेश कर पाएंगे, कामयाबी उसी के मुताबिक आपके कदम चूमेगी।


कैसे पाएं एंट्री


बारहवीं या ग्रेजुएशन करने के बाद इस क्षेत्र में प्रवेश किया जा सकता है। फोटोग्राफी का कोर्स सरकारी और निजी स्तर पर कई संस्थान कराते हैं। एक अच्छा और प्रोफेशनल फोटोग्राफर बनने के लिए बेसिक फोटोग्राफी की जानकारी होना बेहद जरूरी है। हालांकि एक साधारण डिजिटल कैमरा लेकर शौकिया तौर पर शुरुआत की जा सकती है। एक-दो साल का अनुभव हो जाने के बाद डिजिटल एसएलआर खरीद कर प्रोफेशनल एंट्री की जा सकती है।


विदेश में शिक्षा


एक बार बेसिक कोर्स करके और कुछ अनुभव हासिल करके विदेश का रुख किया जा सकता है। कई विदेशी विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में विशेषज्ञता कराते हैं जिन्हें करने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम और दाम दोनों हासिल किए जा सकते हैं। इसके लिए इंटरनेट पर जाकर विदेशी विश्वविद्यालयों की जानकारी हासिल की जा सकती है।


आकर्षक आमदनी


अभी तक यह क्षेत्र हमारे देश में ज्यादा पॉपुलर नहीं था तो कमाई के साधन भी सीमित थे, लेकिन ग्लोबलाइजेशन के बाद अब इस क्षेत्र में अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। फ्रीलांसिंग में अच्छा स्कोप है। दिल्ली स्थित क्राफ्ट के डायरेक्टर नरेश शर्मा कहते हैं कि एक अनुभवी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर प्रतिमाह आसानी से एक लाख रुपये कमा सकता है।

किसी संस्थान से जुडने पर आसानी से 10 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह की कमाई हो सकती है। इसके अलावा कुछ सीनियर फोटोग्राफर्स भी अपने असिस्टेंट रखते हैं, जो न केवल सिखाते हैं बल्कि 10-12 हजार रुपये का स्टाइपेंड भी देते हैं।


रोजगार अवसर


देशी-विदेशी वाइल्ड लाइफ और नेचर मैगजीनों में वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफ्स की मांग हमेशा बनी रहती है। इसके अलावा वन्य जीवों पर काम करने वाले कई संस्थान भी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफ्र्स को हॉयर करते हैं। नेशनल ज्योग्राफिक, डिस्कवरी और एनीमल प्लेनेट जैसे चौनल भी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफ्र्स को फोटोग्राफ्स के लिए अनुबंधित करते हैं। एडफिल्में बनाने वाली कंपनियां को भी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर्स की हमेशा जरूरत रहती है।


प्रमुख संस्थान


u इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर डेवलेपमेंट इन एजुकेशन एंड एडवांस्ड स्टडीज, अहमदाबाद
http://www.iideas.in

u जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
http://www.jntu.ac.in

u कॉलेज ऑफ आट्र्स, तिलक मार्ग, दिल्ली
एजेके मास कम्युनिकेशन सेंटर, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली

http://ajkmcrc.org

u नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद,
www.nid.edu

u श्री अरबिन्दो इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली,
www.sac.ac.in

u सेंटर फॉर रिसर्च इन आर्ट ऑफ फिल्म्स ऐंड टेलीविजन (क्राफ्ट), 272, नाहरपुर, सेक्टर-7, रोहिणी, दिल्ली-85, फोन रू 011-32416868, 32916868
www.log2craft.org

u क्रिएटिव हट, अहमदाबाद
http://creativehut.org

u दिल्ली स्कूल ऑफ फोटोग्राफी
http://www.delhischoolofphotography.com

u नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फोटोग्राफी, मुंबई
http://photoinstitutenip.com

u दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

खूबसूरत करियर विकल्प है फोटोग्राफी

फोटोग्राफी संचार का ऐसा एकमात्र माध्यम है जिसमें भाषा की आवश्यकता नहीं होती है। जबकि संदेश का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है। इसलिए शायद ठीक ही कहा जाता है कि एक फोटो दस हजार शब्दों के बराबर होता है। फोटोग्राफी एक कला है जिसमें दृश्यात्मक योग्यता के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान भी होना चाहिए। और इस कला को वही समझ सकता है, जिसे मूकभाषा आती हो।
फोटोग्राफी की इस कला को आप अपना व्यवसाय भी बना सकते हैं। एक सफल फोटोग्राफर बनने के लिए आपको वास्तविक खूबसूरती की समझ होने के साथ ही तकनीकी ज्ञान भी होना चाहिए। आपकी आँखें किसी भी वस्तु की तस्वीर विजुलाइज कर सकती हों। तस्वीर के रंग और प्रकाश की समझ में अंतर करने की क्षमता हो। अगर यह सभी गुण आपके अंदर हैं तो फोटोग्राफी क्षेत्र आपका स्वागत करता है।

आवश्यक योग्यता- एक क्रिएटिव माध्यम होने के कारण, फोटोग्राफी के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है। बशर्ते आपकी नजर अन्य लोगों से पारखी हो लेकिन ट्रेनिंग के लिए आपकी शैक्षिक योग्यता कम से कम 10+2 की होनी चाहिए। देशभर में कई ऐसे संस्थान हैं जो फोटोग्राफी में डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करवाते हैं। बेहतर फोटोग्राफी सीखने के लिए किताबी ज्ञान कम और प्रयोगात्मक ज्ञान ज्यादा होना चाहिए। शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ आपकी कल्पना शक्ति भी मजबूत होनी चाहिए। जन संचार का कोर्स फोटोग्राफी सीखने के लिए उपयुक्त है।
प्रेस फोटोग्राफर- फोटो हमेशा से ही प्रेस के लिए भी अचूक हथियार रहा है। प्रेस फोटोग्राफर को फोटो जर्नलिस्ट के नाम से भी जाना जाता है। प्रेस फोटोग्राफर लोकल व राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों, चैनलों और वायर एजेंसी के लिए फोटो बनाते हैं। इनका क्षेत्र विविध होता है। इनका दिमाग भी पत्रकार की भाँति ही तेज व शातिर होता है। कम समय में अधिक से अधिक तस्वीरें कैद करना इनकी काबिलियत होती है। एक सफल प्रेस फोटोग्राफर बनने के लिए आपको खबर की अच्छी समझ, फोटो शीर्षक लिखने की कला और हर परिस्थिति में फोटो बनाने की कला आनी चाहिए।
फीचर फोटोग्राफर- किसी कहानी को तस्वीरों के माध्यम से प्रदर्शित करना फीचर फोटोग्राफी होती है। इस क्षेत्र में फोटोग्राफर को विषय के बारे में पूर्ण ज्ञान होना चाहिए। फीचर फोटोग्राफी में फोटोग्राफर तस्वीरों के माध्यम से विषय की पूरी कहानी बता देता है। इनका काम और विषय बदलता रहता है। फीचर फोटोग्राफी के क्षेत्र हैं- वन्यजीवन, स्पोर्ट्स, यात्रा वृत्तांत, पर्यावरण इत्यादि। फीचर फोटोग्राफर किसी रिपोर्टर के साथ भी काम कर सकते हैं और स्वतंत्र होकर भी काम कर सकते हैं।
एडिटोरियल फोटोग्राफर- इनका काम सामान्यतया मैगजीन और पीरियडिकल के लिए फोटो बनाना होता है। ज्यादातर एडिटोरियल फोटोग्राफर स्वतंत्र रूप से काम करते हैं। एडिटोरियल फोटोग्राफर आर्टिकल या रिपोर्ट के विषय पर फोटो बनाते हैं। इनका क्षेत्र रिपोर्ट या आर्टिकल के अनुसार बदलता रहता है।
कमर्शियल या इंडस्ट्रियल फोटोग्राफर- इनका कार्य कंपनी की विवरणिका, रिपोर्ट व विज्ञापन के लिए कारखानों, मशीनों व कलपुर्जों की तस्वीरें बनाना है। कमर्शियल फोटोग्राफर किसी फर्म या कंपनी के लिए स्थायी होता है। इनका मुख्य उद्देश्य बाजार में कंपनी के उत्पाद व उसकी सेवाओं को बेहतर दिखाना होता है।
पोर्ट्रेट या वेडिंग फोटॉग्राफर- यह फोटोग्राफर स्टूडियो में काम करते हैं और समूह या व्यक्तिविशेष की फोटो लेने में निपुण होते हैं। पोर्ट्रेट के विषय कुछ भी हो सकते हैं, जैसे पालतू जानवरों तस्वीर, बच्चे, परिवार, शादी, घरेलू कार्यक्रम और खेल इत्यादि। आज के दिन पोर्ट्रेट फोटोग्राफर की माँग बढ़ रही है।
विज्ञापन फोटोग्राफर- यह विज्ञापन एजेंसी, स्टूडियो या फ्रिलांस से संबंधित होते हैं। ज्यादातर विज्ञापन फोटोग्राफर कैटलॉग के लिए काम करते हैं जबकि कुछ स्टूडियो मेल ऑर्डर के लिए काम करते हैं। उपरोक्त सभी में विज्ञापन फोटोग्राफर का काम सबसे ज्यादा चुनौतीभरा होता है।
फैशन फोटोग्राफर- देश में फैशन फोटोग्राफी का कॅरियर तेजी से उभर रहा है। क्रिएटिव और आमदनी दोनों रूपों में यह क्षेत्र सबसे बेहतर है। फैशन डिजाइनर के लिए कई स्कोप है जहाँ वे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते हैं। विज्ञापन एजेंसी और फैशन स्टूडियो में कुशल फोटोग्राफर की हमेशा आवश्यकता रहती है साधारणतया फैशन फोटोग्राफर फैशन हाउस, डिजाइनर, फैशन जर्नल और समाचार पत्रों के लिए ही काम करते हैं।
फाइन आर्ट्स फोटोग्राफर- फोटोग्राफी के क्षेत्र में इनका काम सबसे संजीदा व क्लिष्ट है। एक सफल फाइन आर्ट्स फोटोग्राफर के लिए आर्टिस्टिक व क्रिएटिव योग्यता अतिआवश्यक होती है। इनकी तस्वीरें फाइन आर्ट के रूप में भी बिकती हैं।
डिजिटल फोटोग्राफी- यह फोटोग्राफी डिजिटल कैमरे से की जाती है। इस माध्यम से तस्वीरें डिस्क, फ्लापी या कम्प्यूटर से ली जाती है। डिजिटल फोटोग्राफी से तस्वीर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन किया जा सकता है। तस्वीर लेने का यह सबसे सुलभ, तेज और सस्ता साधन है। मीडिया में डिजिटल फोटोग्राफी का प्रयोग सबसे ज्यादा हो रहा है। इसका एकमात्र कारण ज्यादा से ज्यादा तस्वीरें एक स्टोरेज डिवाइस में एकत्र कर उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर पलभर में भेज देना है।
नेचर और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी- फोटोग्राफी के इस क्षेत्र में जानवरों, पक्षियों, जीव जंतुओं और लैंडस्केप की तस्वीरें ली जाती हैं। इस क्षेत्र में दुर्लभ जीव जंतुओं की तस्वीर बनाने वाले फोटोग्राफर की माँग हमेशा बनी रहती है। एक नेचर फोटोग्राफर ज्यादातर कैलेंडर, कवर, रिसर्च इत्यादि के लिए काम करता है। नेचर फोटोग्राफर के लिए रोमांटिक सनसेट, फूल, पेड़, झीलें, झरना इत्यादि जैसे कई आकर्षक विषय हैं।
फोरेंसिक फोटोग्राफी- किसी भी क्राइम घटना की जाँच करने के लिए और उसकी बेहतर पड़ताल करने के लिए घटनास्थल की हर एंगल से तस्वीरों की आवश्यकता पड़ती है। इन तस्वीरों की मदद से पुलिस घटना के कारणों का पता लगाती है जिससे अपराधी को खोजने में आसानी होती है। फोरेंसिक फोटोग्राफी से वारदात की वास्तविक स्थिति व अंजाम देने की दूरी का पता भी लगाया जा सकता है। एक कुशल फोरेंसिक फोटोग्राफर अन्वेषण ब्यूरो, पुलिस डिपार्टमेंट, लीगल सिस्टम या किसी भी प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी के लिए काम कर सकता है।

Monday, March 21, 2011

क्र. कार्यालय का नाम कार्यालय निवासियों. फैक्स
1.

जिला मजिस्ट्रेट 235305 235016 - 235305
2.

जिला न्यायाधीश 235359 235774 235311 235774
3.

सपा 235500 235241 235435 235241
4.

एडीएम 235425 - 235174 -
5.

CDO 235408 - 235739 235408
6. सीएमओ - - - -
7. एसडीएम KARVI 235136 - 235331 -
8. एसडीएम MAU - - 220283 -
9. एनआईसी चित्रकूट 236405 278350 - -
10. तहसीलदार Karvi 235365 - 235365 -
11. तहसीलदार MAU - - 220265 -
12. सीओ सिटी 236362 - - -
13. कोतवाली नगर Karvi 235318 - - -
14. वरिष्ठ ट्रेजरी अधिकारी 236180 - - -
15. मंडी समिति Karvi 235326 - - -
16. निर्वाचन अधिकारी 235838 - - -
17. जिला सूचना अधिकारी 236002 - - -
18. जिला विकास अधिकारी 235467 - 235740 -
19. बेसिक शिक्षा अधिकारी 235808 - - -
20. Dios 224337 - 224337 -
21. आपूर्ति अधिकारी 235979 - 235979 -
22. एसपीओ 235876 - - -
23. रोडवेज 235354 - - -
24. रेलवे Karvi 235325 - - -
25. रेलवे मानिकपुर 222206 - - -
26. प्राचार्य डाइट Shivrampur 240236 - - -
27. SDO टेलीफोन Karwi 235101 - 235107 -
http://chitrakoot.nic.in/e Panchayat_Name Village_Name Village_Name
1 PAHRI ARCHHA BARETHI ी ARACHHA BARETHI ी
2 PAHRI ARJUNPUR

ARJUNPUR


3 PAHRI ARJUNPUR

LATHAGUTHHAUPUR


4 PAHRI ARJUNPUR

LADEHTA
5 PAHRI ARJUNPUR

MATIPUR

6 PAHRI ARKI ी ARKI ी
7 PAHRI ARKI ी BARIA ि
8 PAHRI ASHOH ASHOH
9 PAHRI ATRAULI MAFI ी ATRAULI MAFI ी
10 PAHRI AUDAHA ! AUDHA !
11 PAHRI AUDAHA ! RAIPURWA "
#
12 PAHRI AUDAHA ! GOUHANI KHURD $

13 PAHRI BABUPUR %
BABUPUR %

14 PAHRI BABUPUR %
JARIHA ि
15 PAHRI BACHHRAN BACHHRAN
16 PAHRI BACHHRAN GORAKONI
17 PAHRI BAKTA BUJARG #&

BAKATA BUGURG #&


18 PAHRI BAKTA BUJARG #&

KAUNDAR '
19 PAHRI BAKTA BUJARG #&

KHUTAURA $

20 PAHRI BAKTA KHURD #& $
BANGAR #& $
(
21 PAHRI BAKTA KHURD #& $
KHADAR #& $
$
22 PAHRI BAKTA KHURD #& $
AMWAN # (
23 PAHRI BALAPUR KHALSA
$ ) BALAPUR KHALSA
$ )
24 PAHRI BALAPUR KHALSA
$ ) KALUPUR %

25 PAHRI BARDWARA * BARDWARA *
26 PAHRI BEOHARA + BEOHARA +
27 PAHRI BERAUR , BERAUR BANGAR , (
28 PAHRI BERAUR , BERAUR KHADAR , $
29 PAHRI BHADEDU - % BHADEDU KHADAR - $ %
30 PAHRI BHADEDU - % BHADEDU BANGAR - ( %
31 PAHRI BHANPUR -
BHANPUR -

32 PAHRI BHANPUR -
SIDHAULI .)/
33 PAHRI BHATRI - ी BHATRI - ी
34 PAHRI BHUIHARI MAFI -
1 ी 2ी BHUIHARI MAFI -
1 ी ी
35 PAHRI BIHARWAN ि# # 4 BIHARWA BANGAR ि# # ( (
36 PAHRI BIHARWAN ि# # 4 BIHARWA KHADAR ि# # ( $
37 PAHRI BILAS ि# ) BILAS BANGAR ि# ) (
38 PAHRI BILAS ि# ) BILAS KHADAR ि# ) $
39 PAHRI BIR DHUMAI SURKI /
5 )
6 BIR DHUMAI SURKI /
5 )
6
40 PAHRI BUDHA %7 BUDHA %7
41 PAHRI BUDHA %7 RANIPUR TAROUHA
8
42 PAHRI BUDHA %7 SEMARVAR ) #
43 PAHRI CHAKAUNDH 9 / CHAKAUNDH 9 8/
44 PAHRI CHAKJAFER MAFI 9 2ी CHAKJAFER MAFI 9 ी
45 PAHRI CHANDI 9 4 ी CHANDI BANGAR 9 ( ी (
46 PAHRI CHANDI 9 4 ी CHANDI KHADAR 9 ( ी $
47 PAHRI chanhat 9 CHANHAT 9
48 PAHRI CHAURA 9 CHAURA 9
49 PAHRI CHHCHERIYAKHURD ि $
: CHHCHERIYA BUJURG ि


50 PAHRI CHHCHERIYAKHURD ि $
: BHABHA MAFI - - ी
51 PAHRI CHHCHERIYAKHURD ि $
: CHHACHERIYAKHURD ि $

52 PAHRI CHILLI RAKAS .9; ) CHILLI RAKAS KHADAR .9; ) $
Page : 1DISTRICT CHITRAKOOT
S.No. BLOCK Panchayat_Name Panchayat_Name Village_Name Village_Name
53 PAHRI CHILLI RAKAS .9; ) CHILLI RAKAS BANGAR .9; ) (
54 PAHRI DARASEDA < DARASEDA ) <
55 PAHRI DEHURUCHH MAFI
=9 ी DEHURUCHH MAFI
=9 ी
56 PAHRI DEHURUCHH MAFI
=9 ी BHUPHAILI -

57 PAHRI DEHURUCHH MAFI
=9 ी MAHRUCHH =9

58 PAHRI DEVAL # DEVAL #
59 PAHRI DEVAL # SADH )7
60 PAHRI DEVARI # ी DEVARI BANGAR # ी (
61 PAHRI DEVARI # ी DEVARI KHADAR # ी $
62 PAHRI GADHWARA 7# GADHWARA 7#
63 PAHRI GADULI < GADOULI <
64 PAHRI GANIVA PRASIDDHPUR # 4 >.)?
GANIVA PRASIDDHPUR # 4 >.)?

65 PAHRI GANIVA PRASIDDHPUR # 4 >.)?
LODHOURA BUJURG /


66 PAHRI GANIVA PRASIDDHPUR # 4 >.)?
NEHADUA #

67 PAHRI GAUHANI KALA GAUHANI KALA
68 PAHRI GAUHANI KALA NAKEHALI
69 PAHARI HARDAILI HARDAULI
70 PAHARI HASTA @ HASTA BANGAR @ (
71 PAHARI HASTA @ HASTA KHADAR @ $
72 PAHARI HASTA @ BIJHOUA ि A
73 PAHARI ITAURA 1 ITAURA 1
74 PAHARI ITAURA 1 KAPNA

75 PAHARI JAMHIL ि JAMHIL ि
76 PAHARI KALWALIYA #. KALWALIYA #.
77 PAHARI KALWALIYA #. DUDAOLI <
<
78 PAHARI KALWALIYA #. PATWARIYA SANI
#ि )
79 PAHARI KALWARA BUJURG #

KALVARA BUJURG #


80 PAHARI KALWARA KHURD # $
KHERIYA $ ि
81 PAHARI KALWARA KHURD # $
KALWARA KHURD # $

82 PAHARI KANDHWANIYA /#. DADHIYA <ि7
83 PAHARI KANDHWANIYA /#. KANDHWANIYA ( /#. (
84 PAHARI KANKOTA KANKOTA BANGAR (
85 PAHARI KANKOTA UDGHATA , C
86 PAHARI KANKOTA KANKOTA KHADAR $
87 PAHARI KHARSEDA $ ) < KHARSEDA $ ) <
88 PAHARI KHOPA $
KHOPA KHADAR $
$
89 PAHARI KHOPA $
KHOPA BANGAR $
(
90 PAHARI KHOPA $
SIKARI SALIS .) ी ) . )
91 PAHARI KUCHARAM
9 KUCHARAM
9
92 PAHARI KUSELI
) KUSELI
)
93 PAHARI LAMIYARI . ी LAMIYARI . ी
94 PAHARI LOHADA LOHADA
95 PAHARI MAHUWA GAO
# 4 (# MAHUWA GAO
# ( (#
96 PAHARI MAMSI )

MAMSI BUJURG )


97 PAHARI MAMSI )

BASANTPUR )(

98 PAHARI MIRJAPUR .
MIRJAPUR .

99 PAHARI MOHARWA
# 4 DHOLGAWAN 7 4#
100 PAHARI MOHARWA
# 4 SURKIHA )
ि
101 PAHARI MOHARWA
# 4 KHARUHI $= ी
102 PAHARI MOHARWA
# 4 MUHARWAN
# (
103 PAHARI NAHRA AGRAHUNDA 4D

104 PAHARI NAHRA RAMPUR

Page : 2DISTRICT CHITRAKOOT
S.No. BLOCK Panchayat_Name Panchayat_Name Village_Name Village_Name

बुंदेलखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक और भाषिक इकाइयों में अद्भुत समानता है

बुंदेलखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक और भाषिक इकाइयों में अद्भुत समानता है । भूगोलवेत्ताओं का मत है कि बुंदेलखंड की सीमाएँ स्पष्ट हैं, और भौतिक तथा सांस्कृतिक रुप में निश्चित हैं। वह भारत का एक ऐसा भौगोलिक क्षेत्र है, जिसमें न केवल संरचनात्मक एकता, भौम्याकार की समानता और जलवायु की समता है, वरन् उसके इतिहास, अर्थव्यवस्था और सामाजिकता का आधार भी एक ही है। वास्तव में समस्त बुंदेलखंड में सच्ची सामाजिक, आर्थिक और भावनात्मक एकता है ।

बुंदेलखंड के उत्तर में यमुना नदी है और इस सीमारेखा को भूगोलविदों, इतिहासकारों, भाषाविदों आदि सभी ने स्वीकार किया है । पश्चिमी सीमा-चम्बल नदी को भी अधिकांश वीद्वानों ने माना है, परंतु ऊपरी चम्बल इस प्रदेश से बहुत दूर हो जाती है और निचली चम्बल इसके निकट पड़ती है । वस्तुत: मध्य और निचली चम्बल के दक्षिण में स्थित मध्यप्रदेश के मुरैना और भिण्ड जिलों में बुंदेली संस्कृति और भाषा का मानक रुप समाप्त-सा हो जाता है । चम्बल के उस पार इटावा, मैनपुरी, आगरा जिलों के दक्षणी भागों का कोई प्रश्न ही नहीं उठता । भाषा और संस्कृति की दृष्टि से ग्वालियर और शिवपुरी का पूर्वी भाग बुंदेलखंड में आता है और साथ ही उत्तर प्रदेश के जालौन जिले से लगा हुआ भिण्ड का पूर्वी हिस्सा (लहर तहसील का दक्षिणी भाग) भी, जिसे भूगोलविदों ने बुंदेलखंड क्षेत्र में सम्मिलित किया है । अतएव इस प्रदेश की उत्तर-पशचिम सीमा में मुरैना और शिवपुरी के पठार तथा चम्बल-सिंध जलविभाजक, जोकि उच्च साभूमि है, आते हैं । वास्तव में, यह सीमा सिंध के निचले बेसिन तक जाती है और वह स्थायी अवरोधक नहीं है । ऐसा प्रतीत होता है कि चम्बल और कुमारी नदियों के खारों और बीहड़ों तथा दुर्गम भागों के कारण एवं मुरैना और शिवपुरी के घने जगलों के होने से बुंदेली भाषा और संस्कृति का प्रसार उस पार नहीं जा सका । बुंदेलखंड का पश्चिमी सीमा पर ऊपरी बेतवा और ऊपरी सिंध नदियाँ तथा सीहोर से उत्तर में गुना और शिवपुरी तक फैला मध्यभारत का पठार है । मध्यभारत के पठार के समानांतर विध्यश्रेणियाँ भोपाल से लेकर गुना तथा शिवपुरी के कुछ भाग तक फैली हुई हैं और अवरोधक का कार्य करती हैं ।-२१ इस प्रकार पश्चिम में रायसेन जिले की रायसेन और गौहरगंज तहसीलों के पूर्वी भाग, विदिशा जिले की विदिशा, बासौदा और सिरोंज तहसीलों के पूर्वी भाग; जिनकी सीमा बेतवा बनाती है; गुना जिले की अशोकनगर (पिछोर) और मुंगावली तथा शिवपुरी की पिछोर और करैरा तहसीलें, जिनकी सीमा अपर सिंध बनाती है, बुंदेलखंड के पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्र हैं । इनमें विदिशा और पद्मावती (पवायाँ) के क्षेत्र इतिहासप्रसिद्ध रहे हैं । विदिशा दशार्णी संस्कृति का प्रमुख केन्द्र रहा है । वैदिश और पद्मावती कै नागों की संस्कृति बुंदेलखंड के एक बड़े भू-भाग में प्रसरित रही है । चंदेलों के समय वे इस जनपद के अंग रहे हैं । सिद्ध है कि इन क्षेत्रों की संस्कृति और भाषा जितनी इस जनपद से मेल खाती है, उतना ही उनका प्राकृतिक परिवेश और वातावरण ।

भौतिक भूगोल में बुंदेलखंड की दक्षिणी सीमा विंध्यपहाड़ी श्रेणियाँ बताई गयी हैं, जो नर्मदा नदी के उत्तर में फैली हुई हैं ।-२२ लेकिन संस्कृति और भाषा की दृष्टि से यह उपयुक्त नहीं है, क्येंकि सागर प्लेटो के दक्षिण-पूर्व से जनपदीय संस्कृति और भाषा का प्रसार विंध्य-श्रेणियों के दक्षिण में हुआ है । इतिहासकारों ने नर्मदा नदी को दक्षिणी सीमा मान लिया है, संभवत: छत्रसाल बुंदेला की राज्य-सीमा को केन्द्र में रखकर; लेकिन जनपदीय संस्कृति और भाषा विंध्य-श्रेणियों और नर्मदा नदी से प्राकृतिक अवरोधक पार कर होशंगाबाद और नरसिंहपुर जिलों तक पहुँच गई है । भूगोलवेत्ता सर थामस होल्डिच के अनुसार सभी प्राकृतिक तत्त्वों में एक निश्चित जलविभाजक रेखा, जो एक विशिष्ट पर्वतश्रेणी द्वारा निर्धारित होती है, अधिक स्थायी और सही होती है ।-२३ अतएव प्रदेश की दक्षिणी सीमा महादेव पर्वतश्रेणी (गोंडवाना हिल्स) और दक्षिण-पूर्व में मैकल पर्वतश्रेणी उचित ठहरती है । इस आधार पर होशंगाबाद जिले की होशंगाबाद और सोहागपुर तहसीलें तथा नरसिंहपुर का पूरा जिला बुंदेलखंड के अंतर्गत आता है । कुछ भाषाविदों ने इन क्षेत्रों के दक्षिण में बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और मंडला जिलों अथवा उनके कुछ भागों को भी सम्मिलित कर लिया है, पर उनकी भाषा शुद्ध बुंदेली नहीं है, और न ही उनकी संस्कृति बुंदेलखंड से मेल खाती है । इतना अवश्य है कि बुंदेली संस्कृति और भाषा का यत्किचिंत प्रभाव उन पर पड़ा है । ऊँचाई पर श्थित होने से कारण वे पृथक् हो गये हैं । महादेव-मैकल पर्वतश्रेणियाँ उन्हें कई स्थलों पर अलग करती हैं और अवरोधक सिद्ध हुई हैं ।

दक्षिणी सीमा के संबंध में एक प्रश्न उठाया जा सकता है कि विंधयश्रेणियों और नर्मदा नदी को पार कर बुंदेली संस्कृति और भाषा यहाँ कैसे आई ? इस समस्या का उत्तरह इतिहास में खोजा जा सकता है । इतिहासकार डॉ. काशी प्रसाद जायसवाल का मत है कि भारशिवों (नवनागों) और वाकगटकों के इस क्षेत्र में बसने से कारण दक्षिण के इस भाग का संबंध बुंदेलखंड से इतना घनिष्ट हो गया था कि दोनों मिलकर एक हो गये थे और उस समय इन दोनों प्रदेशों में जो एकता स्थापित हुई थी, वह आज तक बराबर चली आ रही है । साठ वर्षीं तक नागों के यहाँ रहने के इतिहास के यह परिणाम निकला है कि यहाँ के निवासी भाषा और संस्कृति के विचार से पूरे उत्तरी हो गये हैं ।-२४ गुप्तों के समय वाकाटक भी यहाँ रहे। कुछ विद्वान् झाँसी जिले के बागाट या बाघाट को, जो बिजौर या बीजौर के पास है, वाकाटकों का आदिस्थान सिद्ध करते हैं, जबकि कुछ इतिहासकार पुराणों में कथित किलकिला प्रदेश का समीकरण पन्ना प्रदेश से करते हुए उसे वाकाटकों की आदि भूमि मानते हैं । वाकाटकों के बाद जेजाभुक्ति के चंदेलों और त्रिपुरी के कलचुरियों के राज्यकाल में भी यह क्षेत्र बुंदेलखंड से जुड़ा रहा । इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि बुंदेलखंड की दक्षिणी सीमा महादेव पर्वतश्रेणी की गोंडवाना हिल्स है, जो जबलपुर के पूर्व में मैकल पर्वतश्रेणी से मिल जाती है ।

बुंदेलखंड के पूर्व में मैकल पर्वतश्रेणियाँ, भानरेर श्रेणियाँ, कैमूर श्रेणियाँ और निचली केन नदी है । दक्षिण-पूर्व में मैकल पर्वत है, इस कारण नरसिंहपुर जिले के पूर्व में स्थित जबलपुर जिले के दक्षिण-पश्चिमी समतल भाग अर्थात् पाटन और जबलपुर तहसीलों का दक्षिण-पश्चिमी भाग बुंदेलखंड के अंतर्गत आ गया है । उनकी भाषा और संस्कृति बुंदेली के अधिक निकट है, किंतु दमोह पठार के दक्षिण-पूर्व में स्थित भानरेर रेंज पाटन और जबलपुर तहसीलों के उत्तरी और उत्तरपूर्वी भागों को बुंदेलखंड से विलग कर देती है । भानरेर श्रे

ओबीसी

क्या यह पूछने से देश में जातिवाद बढ़ेगा कि प्रधानमंत्री के संवाददाता सम्मेलन में सवाल पूछने वालों में एक भी दलित, ओबीसी, आदिवासी क्यों नहीं था? जहां तक मुझे याद आ रहा है सिर्फ एक मुसलमान था। देश की 90 फीसदी आबादी आजादी के 63 साल बाद भी प्रधानमंत्री से सवाल पूछने के स्तर तक क्यों नहीं पहुंच पाईं। भारतीय पत्रकारों में सिर्फ दो महिलाएं थीं। अमेरिका में ऐसी पीसी होता तो कई ब्लैक नजर आते। महिलाएं तो आधी

जाति गिनने से जातिवाद बढ़ेगा

जाति गिनने से जातिवाद बढ़ेगा? ओह ये किस मुर्ख ने कह दिया आपको ...एक बात बताइये क्या जाति ना पूछने से जातिवाद ख़त्म हो जाएगा ..सबको पता भारत में जाति व्यवस्था को तोड़ना बहुत मुशिकिल है ..जब धर्म के आधार पर गणना हो सकती है तो जाति के आधार पर क्यों नहीं? ..अगर जाति बाहुल्य भारत में कोई ये जाने कि भारतीय जनो में विभिन्न जातियों का क्या अनुपात है तो इसमे बुराई क्या है ..कहते है भारत में प्रजातंत्र है जिसका मतलब बहुमत की आवाज सूनी जाए और बहुत तो दलित पिछडो का है ...फिर उनकी बात क्यों नहीं सूनी जा र......

Monday, March 7, 2011

Karwi

rwi ( 25 80 ° / 25.2 ° N 80.9 54'E 12'N ° ° 25.2 / ई, 80.9 ) में एक शहर है चित्रकूट जिले के उत्तर प्रदेश में भारत . Before the Sepoy Mutiny it was the residence of a Maratha noble, whose accumulations constituted the treasure afterwards famously known as the Kirwee and Banda Prize Money . इससे पहले कि सिपाही विद्रोह यह एक निवास था मराठा महान, राशि जिसका पैसा गठित पुरस्कार खजाना बांदा और बाद में प्रसिद्धि के रूप में जाना Kirwee. It comes under the Karwi tehsil . यह Karwi आता तहत तहसील . The town has its own railway station. शहर की अपनी रेलवे स्टेशन है. The town of Kirwee in New Zealand 's Canterbury region was named after Karwi by a retired British Army colonel. शहर के Kirwee में न्यूज़ीलैंड के कैंटरबरी क्षेत्र कर्नल सेना नामित किया गया था के बाद ब्रिटिश Karwi द्वारा एक सेवानिवृत्त. the city has rail connections to major cities like delhi kolkatta jabalpur kanpur luckhnow famous doctors in karwi Dr surendra agarwal, dr mahendra gupta famous lawyers ashok gupta शहर दिल्ली कोलकाता karwi डॉ. सुरेंद्र अग्रवाल में जबलपुर कानपुर luckhnow प्रसिद्ध डॉक्टरों की तरह प्रमुख शहरों से रेल कनेक्शन है, डॉ. महेंद्र गुप्ता प्रसिद्ध वकील अशोक गुप्ता

चित्रकूट जिला

चित्रकूट जिला ( हिन्दी : चित्रकूट जिला) में से एक है जिले के उत्तर प्रदेश राज्य का भारत , और चित्रकूट शहर मुख्यालय है जिला. Chitrakoot district is a part of Chitrakoot Division . चित्रकूट जिले का एक हिस्सा है चित्रकूट मंडल . The district occupies an area of 3,205 km². जिला 3,205 किमी ² का एक क्षेत्र occupies. The district has a population of 766,225 (2001 Census). [ 1 ] जिला) 2001 की जनगणना (गया है एक जनसंख्या के 766225. [1]मई 6, 1997 एक नए जिले तत्कालीन था से बाहर नक़्क़ाशीदार बांदा जिले तहसीलों जिसमें इसकी Karwi और मौ. The district was initially named as Chhatrapati Shahuji Nagar district. जिला शुरू में छत्रपति शाहूजी नगर जिले के रूप में नामित किया गया था. On 4 September, 1998 it was renamed as Chitrakoot district. 4 सितंबर को, 1998 यह चित्रकूट जिले के रूप में नाम दिया गया था.चित्रकूट ", के कई पहाड़ी" चमत्कार जिला बांदा और उत्तर प्रदेश में सतना राज्यों में सीमाओं पर विंध्य nestles में उत्तरी मध्य प्रदेश के. Gifted with charming hills, tranquil forest glades, gurgling waterfalls and sparkling river Mandakini, Chitrakoot is made up of the five segregated villages of Karvi, Sitapur, Kamta, Kohhi and Nayagaon. मंदाकिनी नदी भेंट के साथ आकर्षक पहाड़ियों, शांत जंगल glades, gurgling झरने और स्पार्कलिंग, चित्रकूट और Nayagaon है Kohhi सीतापुर, Kamta, बनाया ऊपर के पांच गांवों की अलग Karvi. Also known as Chitrakoot Dham or Sitapur, it is a major vaishnovite pilgrimage center. इसके अलावा सीतापुर या ज्ञात के रूप में चित्रकूट धाम, यह केंद्र एक प्रमुख तीर्थ vaishnovite. The rich spiritual legacy of this town dates back to legendary ages. इस शहर के अमीर आध्यात्मिक विरासत पौराणिक उम्र करने के लिए तारीखें. According to the great epic, Ramayana, Lord Ram with his wife Sita and brother, Laxman spent eleven years of their fourteen years of exile in the deep jungles of Chitrakoot . महाकाव्य महान के अनुसार, रामायण, सीता और भाई भगवान राम के साथ उनकी पत्नी, लक्ष्मण चित्रकूट जंगलों की गहरी खर्च में निर्वासन के वर्षों के अपने चौदह वर्ष ग्यारह. It is also believed to be the birthplace of principal trinity of the Hindu pantheon, Brahma, Vishnu and Mahesh. यह भी हिंदू सब देवताओं का मंदिर, ब्रह्मा, विष्णु और महेश की त्रिमूर्ति प्रिंसिपल का जन्मस्थान माना जा रहा है. Sprinkled with innumerable temples and shrines, Chirtakoot amazes everyone with its breathtaking natural beauty. असंख्य मंदिरों और तीर्थ अपनी लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ, Chirtakoot आश्चर्य होता है हर किसी के साथ छिड़का.

Best Time to Visit - October to March - अक्टूबर से मार्च की सैर करने के लिए उत्तम समय

What to buy - क्या खरीदने के लिए - Chitrakoot चित्रकूट offers very little shopping options. बहुत थोड़ी खरीदारी विकल्प देता है. Only items that could be bought as souvenirs are small wooden toys and ritual items. केवल आइटम है कि स्मृति चिन्ह के रूप में खरीदा जा सकता है छोटे लकड़ी के खिलौने और अनुष्ठान आइटम हैं.

Excursions - Gupt Godavari (19 km), Rajapur (38 km), Ganeshbagh (11km), Kalinjar (88km), Marpha (23 km), Govindgarh ( 19km from Rewa), Sohagpur ( 3 km from Shahdol), Chachai and Keoti falls (46 km from Rewa) आस - गुप्त) गोदावरी (19 km, राजापुर (38 किमी), Ganeshbagh (11km),) Kalinjar (88km, Marpha (23 किमी), गोविन्दगढ़ (19km रीवा से), Sohagpur (से शहडोल किमी 3), Chachai और Keoti पड़ता है (रीवा से 46 किमी)

How to Get There कैसे वहाँ पाने के

By Air: The nearest airport is at Khajuraho (175 km), connected with Delhi & Agra. हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा आगरा एवं 175 में खजुराहो (क्म दिल्ली के साथ), जुड़ा हुआ है.

By Rail: The nearest railhead is at Chitrakoot dham (Karwi) (11 km) on the Jhansi-Manikpur main line. रेल द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन लाइन मुख्य है पर पर चित्रकूट धाम झांसी-मानिकपुर) (Karwi) (11 किमी.

By Road: Regular bus services connect Chitrakoot with Jhansi, Mahoba, Chitrakoot Dham, Harpalpur, Satna and Chhatarpur. सड़क मार्ग: नियमित बस सेवा छतरपुर और सतना कनेक्ट चित्रकूट से झांसी, महोबा, चित्रकूट धाम, मंदाकिनी नदी के किनारे पर बसा चित्रकूट धाम भारत के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में एक है. उत्तर-प्रदेश में 38.2 वर्ग किमी. उत्तर - प्रदेश में 38.2 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला शांत और सुन्दर चित्रकूट प्रकृति और ईश्वर की अनुपम देन है। के क्षेत्र में फैला शांत और सुन्दर चित्रकूट प्रकृति और ईश्वर की अनुपम देन है. चारों ओर से विन्ध्य पर्वत श्रृंखलाओं और वनों से घिरे चित्रकूट को अनेक आश्चर्यो की पहाड़ी कहा जाता है। चारों ओर से विन्ध्य पर्वत श्रृंखलाओं और वनों से घिरे चित्रकूट को अनेक आश्चर्यो की पहाड़ी कहा जाता है. मंदाकिनी नदी के किनार बने अनेक घाट और मंदिर में पूरे साल श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। मंदाकिनी नदी के किनार बने अनेक घाट और मंदिर में पूरे साल श्रद्धालुओं का आना - जाना लगा रहता है.

माना जाता है कि भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ अपने वनवास के चौदह वर्षो में ग्यारह वर्ष चित्रकूट में ही बिताए थे। माना जाता है कि भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ अपने वनवास के चौदह वर्षो में ग्यारह वर्ष चित्रकूट में ही बिताए थे. इसी स्थान पर ऋषि अत्री और सती अनसुइया ने ध्यान लगाया था। इसी स्थान पर ऋषि अत्री और सती अनसुइया ने ध्यान लगाया था. ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने चित्रकूट में ही सती अनसुइया के घर जन्म लिया था। ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने चित्रकूट में ही सती अनसुइया के घर जन्म लिया था.इस पवित्र पर्वत का काफी धार्मिक महत्व है. श्रद्धालु कामदगिरी पर्वत की 5 किमी. श्रद्धालु कामदगिरी पर्वत की 5 किमी. की परिक्रमा कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की कामना करते हैं। की परिक्रमा कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की कामना करते हैं. जंगलों से घिरे इस पर्वत के तल पर अनेक मंदिर बने हुए हैं। जंगलों से घिरे इस पर्वत के तल पर अनेक मंदिर बने हुए हैं. चित्रकूट के लोकप्रिय कामतानाथ और भरत मिलाप मंदिर भी यहीं स्थित है। चित्रकूट के लोकप्रिय कामतानाथ और भरत मिलाप मंदिर भी यहीं स्थित है. रामघाट: -

मंदाकिनी नदी के तट पर बने रामघाट में अनेक धार्मिक क्रियाकलाप चलते रहते हैं। मंदाकिनी नदी के तट पर बने रामघाट में अनेक धार्मिक क्रियाकलाप चलते रहते हैं. घाट में गेरूआ वस्त्र धारण किए साधु-सन्तों को भजन और कीर्तन करते देख बहुत अच्छा महसूस होता है। घाट में गेरूआ वस्त्र धारण किए साधु - को भजन और कीर्तन करते देख बहुत अच्छा महसूस होता है सन्तों. शाम को होने वाली यहां की आरती मन को काफी सुकून पहुंचाती है। शाम को होने वाली यहां की आरती मन को काफी सुकून पहुंचाती है. जानकी कुण्ड: -

सीता रसोई रामघाट से 2 किमी. सीता रसोई रामघाट से 2 किमी. की दूरी पर मंदाकिनी नदी के किनार जानकी कुण्ड स्थित है। की दूरी पर मंदाकिनी नदी के किनार जानकी कुण्ड स्थित है. जनक पुत्री होने के कारण सीता को जानकी कहा जाता था। जनक पुत्री होने के कारण सीता को जानकी कहा जाता था. माना जाता है कि जानकी यहां स्नान करती थीं। माना जाता है कि जानकी यहां स्नान करती थीं. जानकी कुण्ड के समीप ही राम जानकी रघुवीर मंदिर और संकट मोचन मंदिर है। जानकी कुण्ड के समीप ही राम जानकी रघुवीर मंदिर और संकट मोचन मंदिर है.
स्फटिक शिला-: स्फटिक शिला -:

जानकी कुण्ड से कुछ दूरी पर मंदाकिनी नदी के किनार ही यह शिला स्थित है। जानकी कुण्ड से कुछ दूरी पर मंदाकिनी नदी के किनार ही यह शिला स्थित है. माना जाता है कि इस शिला पर सीता के पैरों के निशान मुद्रित हैं। माना जाता है कि इस शिला पर सीता के पैरों के निशान मुद्रित हैं. कहा जाता है कि जब वह इस शिला पर खड़ी थीं तो जयंत ने काक रूप धारण कर उन्हें चोंच मारी थी। कहा जाता है कि जब वह इस शिला पर खड़ी थीं तो जयंत ने काक रूप धारण कर उन्हें चोंच मारी थी. इस शिला पर राम और सीता बैठकर चित्रकूट की सुन्दरता निहारते थे। इस शिला पर राम और सीता बैठकर चित्रकूट की सुन्दरता निहारते थे.

अनसुइया अत्री आश्रम -: अनसुइया अत्री आश्रम : -

स्फटिक शिला से लगभग 4 किमी. स्फटिक शिला से लगभग 4 किमी. की दूरी पर घने वनों से घिरा यह एकान्त आश्रम स्थित है। की दूरी पर घने वनों से घिरा यह एकान्त आश्रम स्थित है. इस आश्रम में अत्री मुनी, अनुसुइया, दत्तात्रेयय और दुर्वाशा मुनी की प्रतिमा स्थापित हैं। इस आश्रम में अत्री मुनी, अनुसुइया, दत्तात्रेयय और दुर्वाशा मुनी की प्रतिमा स्थापित हैं.
गुप्त गोदावरी-: गुप्त गोदावरी -:

नगर से 18 किमी. नगर 18 किमी से. की दूरी पर गुप्त गोदावरी स्थित हैं। की दूरी पर गुप्त गोदावरी स्थित हैं. यहां दो गुफाएं हैं। यहां दो गुफाएं हैं. एक गुफा चौड़ी और ऊंची है। एक गुफा चौड़ी और ऊंची है. प्रवेश द्वार संकरा होने के कारण इसमें आसानी से नहीं घुसा जा सकता। प्रवेश द्वार संकरा होने के कारण इसमें आसानी से नहीं घुसा जा सकता. गुफा के अंत में एक छोटा तालाब है जिसे गोदावरी नदी कहा जाता है। गुफा के अंत में एक छोटा तालाब है जिसे गोदावरी नदी कहा जाता है. दूसरी गुफा लंबी और संकरी है जिससे हमेशा पानी बहता रहता है। दूसरी गुफा लंबी और संकरी है जिससे हमेशा पानी बहता रहता है. कहा जाता है कि इस गुफा के अंत में राम और लक्ष्मण ने दरबार लगाया था। कहा जाता है कि इस गुफा के अंत में राम और लक्ष्मण ने दरबार लगाया था.

हनुमान धारा-: हनुमान धारा: -

पहाड़ी के शिखर पर स्थित हनुमान धारा में हनुमान की एक विशाल मूर्ति है। पहाड़ी के शिखर पर स्थित हनुमान धारा में हनुमान की एक विशाल मूर्ति है. मूर्ति के सामने तालाब में झरने से पानी गिरता है। मूर्ति के सामने तालाब में झरने से पानी गिरता है. कहा जाता है कि यह धारा श्रीराम ने लंका दहन से आए हनुमान के आराम के लिए बनवाई थी। कहा जाता है कि यह धारा श्रीराम ने लंका दहन से आए हनुमान के आराम के लिए बनवाई थी. पहाड़ी के शिखर पर ही सीता रसोई है। पहाड़ी के शिखर पर ही सीता रसोई है. यहां से चित्रकूट का सुन्दर नजारा देखा जा सकता है। यहां से चित्रकूट का सुन्दर नजारा देखा जा सकता है.
भरतकूप-: भरतकूप: -

कहा जाता है कि भगवान राम के राज्याभिषेक के लिए भरत ने भारत की सभी नदियों से जल एकत्रित कर यहां रखा था। कहा जाता है कि भगवान राम के राज्याभिषेक के लिए भरत ने भारत की सभी नदियों से जल एकत्रित कर यहां रखा था. अत्री मुनि के परामर्श पर भरत ने जल एक कूप में रख दिया था। अत्री मुनि के परामर्श पर भरत ने जल एक कूप में रख दिया था. इसी कूप को भरत कूप के नाम से जाना जाता है। इसी कूप को भरत कूप के नाम से जाना जाता है. भगवान राम को समर्पित यहां एक मंदिर भी है। भगआवागमन: -
वायु मार्ग-: वायु मार्ग: -

चित्रकूट का नजदीकी एयरपोर्ट खजुराहो है। चित्रकूट का नजदीकी एयरपोर्ट खजुराहो है. खजुराहो चित्रकूट से 185 किमी. खजुराहो चित्रकूट किमी 185 से. दूर है। दूर है.
रेल मार्ग-: रेल मार्ग: -

चित्रकूट से 8 किमी. चित्रकूट 8 किमी से. की दूरी कर्वी निकटतम रेलवे स्टेशन है। की दूरी कर्वी निकटतम रेलवे स्टेशन है. इलाहाबाद, जबलपुर, दिल्ली, झाँसी (Jhansi), हावड़ा, आगरा, मथुरा आदि शहरों से यहां के लिए रेलगाड़ियां चलती हैं। इलाहाबाद, जबलपुर, दिल्ली, झाँसी (झांसी), हावड़ा, आगरा, मथुरा आदि शहरों से यहां के लिए रेलगाड़ियां चलती हैं.
सड़क मार्ग-: सड़क मार्ग: -

चित्रकूट के लिए इलाहाबाद, बांदा, झाँसी (Jhansi), महोबा, कानपुर, छतरपुर (chhatarpur) , सतना, फैजाबाद, लखनऊ, मैहर आदि शहरों से नियमित बस सेवाएं हैं। चित्रकूट के लिए इलाहाबाद, बांदा, (झाँसी) झाँसी, महोबा, कानपुर, छतरपुर (छतरपुर), सतना, फैजाबाद, लखनऊ, मैहर आदि शहरों से नियमित बस सेवाएं हैं.
Year of Formation निर्माण का वर्ष 6th May 1997 6 मई 1997
Area क्षेत्र 345291 sq. km 345291 वर्ग किलोमीटर
Latitude अक्षांश 24° 48' to 25° 12' N 24 ° 48 '25 से ° 12' N
Longitude देशान्तर 80° 58' to 81° 34' E 80 ° 58 '81 से 34 °' ई
Population (1991) जनसंख्या (1991) 624180 624180
Males नर 335360 335360
Females महिलाओं 288810 288810
Literacy Rate साक्षरता दर 25.20% 25.20%
No. of Tehsil तहसील की संख्या 02 02
No. of Blocks ब्लॉकों की संख्या 05 05
No. of Villages ग्रामों की संख्या 650 650
Average rainfall औसत वर्षा 100 mm 100 मिमी
Temperature तापमान Max.: 47.8° C; Min.: 5.6° C मैक्स..: 47.8 डिग्री सेल्सियस; सी न्यूनतम: 5.6 °
Postal Code पिन कोड 210204 210204
STD Code एसटीडी कोड 05198 05198