Wednesday, February 16, 2011

जो देखता हूं, वहीं बोलने का आदी हूं...मैं अपने शहर का सबसे बड़ा फसादी हूं

जो देखता हूं, वहीं बोलने का आदी हूं...मैं अपने शहर का सबसे बड़ा फसादी हूंलघु सिंचाई विभाग द्वारा कराए गए कामों की मांगी जानकारी जन सूचना अधिकार अधिनियम का किया प्रयोग

Posted on 10 June 2010 by admin

चित्रकूट - जन सूचना अधिकार एक ऐसा हथियार है जिसका उपयोग कर सरकारी विभागों में अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किया जा रहे घोटाले का खुलासा करके कोई भी इनके खिलाफ कार्रवाई करवा सकता है। इसी हथियार का प्रयोग करते हुए मजदूर सभा के महासचिव ने लघु सिंचाई विभाग से कई बिन्दुओं पर जानकारी मांगी है।

मजदूर सभा के महासचिव महेन्द्र कुमार ओबेराय ने सहायक अभियन्ता लघु सिंचाई कर्वी को जन सूचना अधिकार के तहत लिखे गए पत्र में विभाग द्वारा कराए जाने वाले कार्यों की जानकारी चाहीं है। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2008-09 व 2009-10 में उन ग्राम पंचायतों और स्थानों के नामों की जानकारी मांगी है जहां विभाग द्वारा चेकडैमों का निर्माण किया गया है। इसी तरह निर्माण कार्यो में प्रयोग किए जाने वाले सीमेंट, बालू, ईंटा, पत्थर, लोहा आदि की दर व सप्लाई करने वाली फर्मो के साथ तारीखों की सूचना भी उपलब्ध कराने के लिए पत्र में लिखा है। ओबेराय ने वर्ष 2008-09 और 2009-10 में लघु सिंचाई विभाग द्वारा बोरिंग कराए जाने वाले स्थानों सहित इनके टेण्डर व दर आदि का भी विवरण मांगा है। उन्होंने इसके लिए निर्धारित कीमत का पोस्टल आर्डर भी लगाया है। साथ ही अपने यह पत्र उन्होंने शासन के मुख्य सचिव को भी भेजा है।

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उड़ाया गया जन सूचना अधिकार का मजाक

Posted on 09 March 2010 by admin

बाल विकास परियोजना कार्यालय से मांगी थी सूचना

चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) - कई बार उच्चाधिकारियों ने दिए कड़े निर्देश, कई बार सम्बंधित अधिकारियों को हुआ जुर्माना इसके बावजूद भी जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाएं विभागीय अधिकारियों द्वारा नहीं उपलब्ध कराई जा रही है। एचआरएलएन के जिला समन्वयक रुद्र प्रसाद मिश्रा का कहना है कि शायद इन अधिकारियों को विभाग में चल रहे भ्रष्टचार की पोल खुलने का भय सताता है जिसके चलते विभागीय कर्मी लोगों द्वारा मांगी गई सूचनाएं नही उपलब्ध कराते।

ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क के जिला समन्वयक रुद्र प्रसाद मिश्रा का कहना है कि बाल विकास योजना कार्यालय व इसके अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ियों में सम्बंधित लोगों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार मचाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां एक ओर आंगनबाड़ी में आने वाला पुष्टाहार पशुओं का स्वास्थ्य बढ़ाने में प्रयोग होता है। वहीं दूसरी ओर आंगनबाड़ी सहायिकाओं का भी उत्पीड़न होता है। आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय समय से नहीं मिलता और न ही उनकी उपस्थिति के हस्ताक्षर बनवाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि बीती 25 जून 09 को उन्होंने पंजीकृत डाक से पत्रा भेज जिला कार्यक्रम अधिकारी से विभाग में हो रहे भ्रष्टचार से सम्बंधित सूचनाएं मांगी थी। लेकिन उन्हें सूचनाएं नहीं उपलब्ध कराई गईं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा लालापुर के आंगनबाड़ी केन्द्र में हो रहे बाल पोषाहार के दुरुपयोग व सहायिका को 6 माह से मानदेय न मिलने की जानकारी भी मांगी गई थी। श्री मिश्रा ने कहा कि जबकि जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाएं समय से उपलब्ध कराने के निर्देश शासन ने विभागीय अधिकारियों को दिए है और इसे कड़ाई से लागू करने के लिए समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। फिर भी अधिकारियों द्वारा इस ओर से अनदेखी की जाती है। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों से इस सम्बंध में उचित कार्रवाई करने की मांग की है।

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