अखबार में पढ़ा कि इलाहबाद के कारोबारी बनियों के घर छापे में 80 टन वजन के सिक्के बरामद हुए ! एक इलाहाबादी होने के नाते शर्म से सर झुक गया, पूरे इलाहबाद का नाम "मिट्टी में मिला दिया (शोले स्टाइल में)"! अरे भाई, इलाहबाद की रेपुटेशन का कुछ तो खयाल किया होता। चण्डीगढ़ में एक अधिकारी के घर छापे में तीन कमरे हजार-हजार के नोटों से भरे हुए मिले थे, और तो और, नोयडा में सुखराम के घर से गद्दों में सिले हुए नोट ही नोट मिले थे। अहमदाबाद वालों ने तो घर से बीसियों देशों की करेंसी पकड़वाई थी, और हमारे मुन्ना भाई ने तो हथियारों का शो-रूम ही घर में रखा हुआ था। इन लोगों ने हमारी माया मेम साहब को भी मात कर दिया जो सीबीआई छापे के दौरान कह रही थीं "कि इन लोगों ने एक लाख रुपये जो गरीबों ने माननीय कांशीराम जी के इलाज के लिये जमा किये थे 10 रुपये और 20 रुपये चन्दा करके-उसे भी नहीं छोड़ा"। हमारे इलाहाबादी भाई तो बिलकुल ही गये गुजरे निकले, पुलिस वालों को भी शर्म आई होगी- बरामद भी हुआ तो सिक्कॅ, वो भी पांच पैसे और दस पैसे के सिक्के, कुछ बीस के भी थे।
तो भाई लोग, आगे से ऐसा मत करना कि इलाहबाद वालों को शरमाना पड़े। कम से कम सौ-सौ के नोट तो हों ही ॥
लड़कियों को कैसे लड़के पसंद होते हैं ? यह सवाल हमें भेजा है महाराष्ट्र के शोलापुर से सचिन नवगिरे ने।
गजब जवाब अरे लल्लू, इस सवाल का जवाब आज तक कोई नहीं दे पाया। कबीर सुल्तान, दिल्ली
जिसके पास गाड़ी हो, पैसा हो, प्रॉपर्टी हो, शक्ल-सूरत हो, सेंस ऑफ ह्यूमर हो, कपड़े पहनने का सलीका हो, तमीज-तहजीब हो, कोई ऐब न हो, लड़की के सारे नखरे उठाए, दूसरी लड़कियों की तरफ न देखे, कभी इंतजार न कराए...आदि। लेकिन ऐसा लड़का असल में होता ही नहीं है।
खुदा ने जब तुम्हे बनाया होगा तू उससके दिल पे एक सरूर चाय होगा सोचा होगा की तुझको जानत में रखूँ फ़िर उस्सको मेरा ख्याल आया होगा ~~~~~~~~~~~ खुशबू की तरह आपके पास बिखर जायेंगे, सकूं बन कर दिल में उतर जायेंगे, महसूस करने की कोशिश तो कीजिये, दूर होते हुए भी पास नज़र आयेंगे ~~~~~~~~~~~ वफ़ा के रंग में डूबी हर शाम तेरे लिए , यह डगर, यह नगर,मेरा नाम बस तेरे लिए, तू महेक्ति रहे चांदनी रातों की तरह, इस नए साल का पैगाम तेरे लिए
कुछ इशारे थे जिन्हें दुनिया समझ बैठे थे हम उस निगाहें आशना को क्या समझ बैठे थे हम रफ्ता रफ्ता गैर अपनी ही नज़र में हो गए हम वाह.
ReplyDeleteकुछ इशारे थे जिन्हें दुनिया समझ बैठे थे हम उस निगाहें आशना को क्या समझ बैठे थे हम रफ्ता रफ्ता गैर अपनी ही नज़र में हो गए हम वाह..."
ReplyDeleteअखबार में पढ़ा कि इलाहबाद के कारोबारी बनियों के घर छापे में 80 टन वजन के सिक्के बरामद हुए ! एक इलाहाबादी होने के नाते शर्म से सर झुक गया, पूरे इलाहबाद का नाम "मिट्टी में मिला दिया (शोले स्टाइल में)"! अरे भाई, इलाहबाद की रेपुटेशन का कुछ तो खयाल किया होता। चण्डीगढ़ में एक अधिकारी के घर छापे में तीन कमरे हजार-हजार के नोटों से भरे हुए मिले थे, और तो और, नोयडा में सुखराम के घर से गद्दों में सिले हुए नोट ही नोट मिले थे। अहमदाबाद वालों ने तो घर से बीसियों देशों की करेंसी पकड़वाई थी, और हमारे मुन्ना भाई ने तो हथियारों का शो-रूम ही घर में रखा हुआ था। इन लोगों ने हमारी माया मेम साहब को भी मात कर दिया जो सीबीआई छापे के दौरान कह रही थीं "कि इन लोगों ने एक लाख रुपये जो गरीबों ने माननीय कांशीराम जी के इलाज के लिये जमा किये थे 10 रुपये और 20 रुपये चन्दा करके-उसे भी नहीं छोड़ा"। हमारे इलाहाबादी भाई तो बिलकुल ही गये गुजरे निकले, पुलिस वालों को भी शर्म आई होगी- बरामद भी हुआ तो सिक्कॅ, वो भी पांच पैसे और दस पैसे के सिक्के, कुछ बीस के भी थे।
ReplyDeleteतो भाई लोग, आगे से ऐसा मत करना कि इलाहबाद वालों को शरमाना पड़े। कम से कम सौ-सौ के नोट तो हों ही ॥
लड़कियों को कैसे लड़के पसंद होते हैं ?
ReplyDeleteयह सवाल हमें भेजा है महाराष्ट्र के शोलापुर से सचिन नवगिरे ने।
गजब जवाब
अरे लल्लू, इस सवाल का जवाब आज तक कोई नहीं दे पाया।
कबीर सुल्तान, दिल्ली
जिसके पास गाड़ी हो, पैसा हो, प्रॉपर्टी हो, शक्ल-सूरत हो, सेंस ऑफ ह्यूमर हो, कपड़े पहनने का सलीका हो, तमीज-तहजीब हो, कोई ऐब न हो, लड़की के सारे नखरे उठाए, दूसरी लड़कियों की तरफ न देखे, कभी इंतजार न कराए...आदि। लेकिन ऐसा लड़का असल में होता ही नहीं है।
खुदा ने जब तुम्हे बनाया होगा
ReplyDeleteतू उससके दिल पे एक सरूर चाय होगा
सोचा होगा की तुझको जानत में रखूँ
फ़िर उस्सको मेरा ख्याल आया होगा
~~~~~~~~~~~
खुशबू की तरह आपके पास बिखर जायेंगे,
सकूं बन कर दिल में उतर जायेंगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिये,
दूर होते हुए भी पास नज़र आयेंगे
~~~~~~~~~~~
वफ़ा के रंग में डूबी हर शाम तेरे लिए ,
यह डगर, यह नगर,मेरा नाम बस तेरे लिए,
तू महेक्ति रहे चांदनी रातों की तरह,
इस नए साल का पैगाम तेरे लिए